जब दुनिया स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की चुनौतियों से जूझ रही है, तब महिलाओं का एक समूह, अपने समाज की बेहतरी के लिए कदम बढ़ा रहा है. Corporate Social Responsibility (CSR) की पहलों के सहयोग से, ये महिलाएं ना सिर्फ waste management के क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी सशक्त हो रही हैं.
इन महिलाओं ने अपने हाथों में कचरे को सोने में बदलने का जादू संभाला है. वे प्लास्टिक और अन्य कचरे को इकट्ठा करती हैं और उन्हें recycling के ज़रिए पुनः उपयोग के योग्य बनाती हैं. इस प्रक्रिया में, वे सिर्फ पर्यावरण को स्वच्छ ही नहीं बना रहीं हैं, बल्कि अपने परिवारों के लिए आय का एक स्थायी स्रोत भी सुनिश्चित कर रही हैं.
मैं बात कर रहीं हूं Chhattisgarh के देवार समुदाय (Dewar Community) की महिलाओं की.
Waste management के लिए गांव में शुरू किया खुद का SHG
Chhattisgarh के Baloda Bazaar तहसील में स्थित Rawan गांव का देवार समुदाय (Dewar Community) आर्थिक और सामाजिक रूप से हाशिये पर रहा है. परन्तु इस समुदाय की महिलाओं ने अपना 'पूजा स्वयं सहायता समूह' (SHG) बनाकर सभी को एक नई उम्मीद की किरण दिखाई. जिससे वे समाज में एक नई पहचान और सम्मान प्राप्त कर रही हैं.
देवार समुदाय के लोग अक्सर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हैं. इन लोगों की मुख्य आय कचरा इकठ्ठा करने से आती है. इस SHG से ये महिलाएं आज इकट्ठे हुए कचरे में से plastic waste को अलग कर उन्हें उपयोग में लेती हैं. इससे इन महिलाओं ने sustainability को promote करते हुए ना सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, बल्कि अपने बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं और अपने परिवारों की समग्र जीवन शैली में सुधार लाने के लिए भी मार्ग प्रशस्त किया है.
Ambuja Cements ने दिया 300 टन plastic waste का order
अंबुजा सीमेंट के महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम ने इन चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. महिलाओं को प्लास्टिक वेस्ट कलेक्शन के माध्यम से आय उत्पन्न करने के लिए सशक्त बनाया है और उन्हें वैकल्पिक कचरा प्रदान करने के लिए waste management शाखा के साथ जोड़ा है.
Ambuja Cements ने पूजा एसएचजी को 300 टन प्लास्टिक कचरे की आपूर्ति का आदेश दिया, जिससे इन महिलाओं के जीवन में एक अप्रत्याशित बदलाव आएगा. इस पहल की खास बात यह है कि यह केवल waste management का एक समाधान नहीं है, बल्कि एक सामाजिक बदलाव की प्रक्रिया है जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन में गुणात्मक सुधार लाने का कार्य कर रही है. प्लास्टिक कचरे के collection और recycling के माध्यम से इन महिलाओं को आय का एक स्थिर स्रोत मिला है जिससे वे एक सम्मानजनक जीवन जी सकें.
देवार समुदाय के upliftment में Ambuja Cements की भूमिका ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थपूर्ण परिवर्तन सृजन करने और प्रगति को आगे बढ़ाने के समर्पण को उजागर करती है. यह पहल देवार समुदाय के साथ समाज के हर उस वर्ग के लिए एक मिसाल है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर है. Ambuja Cements द्वारा इस प्रकार के सशक्तिकरण और समर्थन के माध्यम से, एक ऐसा समाज बन रहा है जहां हर व्यक्ति को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिल रहा है.