अंडमान और निकोबार के नीले समुद्र की लहरों पर एक सुबह कुछ अलग ही थी. सूर्योदय के साथ ही एक नई किरण ने आकाश को रोशन किया, जैसे इतिहास के पन्नों पर एक नई कहानी लिखने की तैयारी हो रही हो. यह कहानी थी वीरता और समानता की, जिसे साकार किया था Andaman & Nicobar Command के INAS 318 के 40वें वर्षगांठ और International Women's Day के अवसर पर आयोजित Maiden All-Women Maritime Surveillance Mission ने.
इस मिशन की नायिकाएं थीं Lt. Cdr. Shubhangi Swaroop, Lt. Cdr. Divya Sharma और Lt. Vaishali Mishra. इन तीनों ने मिलकर एक ऐसे क्षण का सृजन किया, जो भारतीय नौसेना (Indian Navy) के इतिहास में सदैव याद रखा जाएगा. यह उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि के साथ - साथ पूरे देश के लिए भी एक गर्व का क्षण था.
महिला अधिकारियों ने संभाली Mission की कमान
Maiden All-Women Maritime Surveillance Mission की तैयारी में हर छोटे से बड़े काम में महिला अधिकारियों ने अपनी भूमिका अदा की. प्री-फ्लाइट ब्रीफिंग से लेकर मौसम विज्ञान संबंधी जानकारी, चिकित्सा जांच और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) तक, सभी महत्वपूर्ण जानकारियां और निर्देश महिला अधिकारियों द्वारा ही दिए गए. इस अभियान ने साबित किया कि जब बात राष्ट्र की सेवा की आती है, तो लिंग का कोई भेदभाव नहीं होता.
इस मिशन की सफलता ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के समकक्ष होती हैं, और कई बार उनसे भी आगे निकल सकती हैं. यह अभियान सिर्फ तकनीकी कुशलता और निपुणता का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह दिखाता है कि साहस, दृढ़ संकल्प और leadership roles में महिलाओं की उपस्थिति से कैसे समाज में सकारात्मक परिवर्तन आता है. यह मिशन Indian Navy में महिलाओं के योगदान को रेखांकित करता है, साथ ही यह दिखाता है कि कैसे लिंगभेद को पार करके महिलाएं security services में भी उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं.
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INAS 318 है एक उत्कृष्ट Squadron
INAS 318 को Andaman & Nicobar Command का एक शिष्ट नौसेना वायु स्क्वाड्रन (Royal Naval Air Squadron) माना जाता है. INAS 318 ने 1984 में अपने शुरुआती दिनों से ही समुद्री निगरानी में अपना एक विशेष स्थान बनाया है. इस स्क्वाड्रन ने आइलैंडर विमानों के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी, जिन्हें बाद में 1999 में डॉर्नियर विमानों ने प्रतिस्थापित किया. ये डॉर्नियर विमान लंबी दूरी की समुद्री निगरानी करने में सक्षम हैं, जिससे भारतीय नौसेना की निगरानी क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.
इस मिशन ने अंडमान और निकोबार के नीले समुद्र और विशाल आकाश के नीचे एक नई प्रेरणा की कहानी को जन्म दिया है. यह कहानी उन सभी युवा महिलाओं के लिए एक उदाहरण है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए लगातार प्रयास कर रहीं हैं, फिर चाहे वह किसी भी क्षेत्र में क्यों न हो. इस अभियान ने यह भी दिखाया है कि सही मार्गदर्शन, प्रशिक्षण, और अवसर प्रदान किए जाने पर महिलाएं अपने कर्तव्यों को बखूबी निभा सकती हैं.
इस सफलता का जश्न ना केवल Andaman & Nicobar Command या Indian Navy में मनाया जाना चाहिए, बल्कि पूरे देश को इस गर्व के क्षण में एकजुट होना चाहिए. यह ये भी दिखाता है कि भारत कैसे gender equality की दिशा में आगे बढ़ रहा है, और कैसे अपनी महिलाओं को सशक्त बना रहा है. ताकि, वे न केवल राष्ट्र की सेवा कर सकें, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत का प्रतिनिधित्व कर सकें.
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