70 की उम्र में जोश 16 का
अरुणाचल स्टेट रूरल लाइवलीहुड मिशन (Arunachal State Rural Livelihood Mission) प्रोग्राम के अंतर्गत बहुत से काम हो रहा है जो की वेल्यू एडिशन के साथ माइक्रो फाइनेंस (Micro Finance) में भी तेज़ी ला रहे हैं. यहीं से एक अलग कहानी है तवांग की रहने वाली 70 साल की महिला जिनके ज़ज़्बे और मेहनत की कहानी आज अरुणाचल की आम जनता से लेकर मुख्यमंत्री तक सब कह रहे है. 70 साल की उम्र में जोश 16 साल का है, कितने ही स्वयं सहायता समूह (SHG) को गाइड और एडवाइस करने का काम वो आज सफलतापूर्वक कर रही है. ऐसा लग सकता है की उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें फिजिकल और मेन्टल सपोर्ट की जरुरत होगी, लेकिन उन्होंने इसके उलट यह सब दिया सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (self help groups ) को. यह सब देखते हुए उन्हें ग्रामीण कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (CRP) बनाया गया, जिसमें वह गांव - गांव जाकर समूह से जुड़ने और समूह बनाने के लिए महिलाओं को प्रेरित करती है. उन्होंने अकेले ही एक महीने में 40 समूह बनाये. समूह को उनकी सलाह और अनुभव से बहुत से फायदे हुए. SRLM (State Rural Livelihood Mission) की मदद से वो समूह की महिलाओं को फार्मिंग ट्रिप पर लेकर गई और ऐसे ही न जाने कितने नए तरीके, समूह की महिलाओं को, उनके द्वारा मिले.
कहानी का सबसे बड़ा माइलस्टोन रहा अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (CM Pema Khandu) ने उनका वीडियो ट्वीट किया और साथ ही लिखा की कैसे एसएचजी (self help group) जमीनी स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाने, सामाजिक और भावनात्मक सरलता फ़ैला रहे हैं. राज्य में एसएचजी महिलाएं जबरदस्त वृद्धि कर रही हैं. ग्रामीण और मार्जिनल समूहों में बने सेल्फ हेल्प ग्रुप्स सामूहिक प्रयासों के माध्यम से अशिक्षा और गरीबी जैसे मुद्दों पर काम कर, उसमे सफल भी हो रहे हैं.
ऐसा ही उदाहरण है अरुणाचल प्रदेश (Arunanchal Pradesh) की जैस्मीन एसएचजी फेडरेशन का है, जिसमें 16 स्वयं सहायता समूह शामिल है, जो फूलों की खेती, सुपारी नर्सरी जैसी अनेक गतिविधियों (जीआईए ) में लगे हुए है. इसके अलावा ट्रेडिशनल स्किल्स जैसे मछली पकड़ना, बांस बनाना और हथकरघा उत्पाद जैसी गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है. इससे समूह की महिलाओं को छोटे निवेश से लाभ कमाने में मदद मिल रहीं है, उन्हें देखकर ही और भी महिलाएं समूह के साथ जुड़ रहीं है.
जुलाई 2021 में, पेमा खांडू ने दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्टीय ग्रामीण मिशन (Deendayal Antyodaya Yojana National Rural Mission, DAY NRLM) के तहत अरुणाचल प्रदेश में 789 स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) को लोन के रूप में 8,27,47,000 रूपए की राशि का वितरण किया था.यह योजना राज्य ग्रामीण विकास विभाग के अरुणाचल राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (ArSRLM ) द्वारा इम्प्लीमेंट की जा रही हैं.
एसएचजी उन महिलाओं को लोन दे रहे है जो अपने व्यवसाय शुरू करना चाहती है. लेकिन उनके पास व्यवसाय शुरू करने के लिए कोई संसाधन नहीं हैं. एसएचजी, महिलाओं को लोन देकर उनके उद्यमों को आगे बढ़ा रहा है. जिससे आज हर वर्ग की महिलाएं चाहे वो शहर से हो या गांव से, व्यक्तिगत या ग्रुप में, काम कर आगे बढ़ रही है. अपने बच्चों के साथ - साथ अपनी शिक्षा पर भी ध्यान दे रहीं. पहले जो महिलाएं पढ़ी लिखी नहीं थी, आज वही महिलाएं 12वीं की पढ़ाई के साथ, ग्रेजुएशन (Graduation) और पोस्टग्रैजुएशन (Post Graduation) भी कर रही है. घर के साथ बाहर के काम जैसे बाजार से सामान लाना, बैंक के काम, समूह के काम के लिए अलग - अलग संकुल से बात करना, सामान की डिलीवरी भी खुद संभाल रही है. आज स्वयं सहायता समूह (self help group) एक अवसर के साथ वरदान के रूप में आए है जिससे देश की महिलाएं, अपनी आर्थिक स्थिति के साथ, अपने जीवन में भी बदलाव ला रहीं है.