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Image Credits: Mission Shakti
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मिशन शक्ति (Mission Shakti) के 5T मैंडेट के तहत, राज्य सरकार ने महिला उद्यमिता को बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए महिला स्वयंसहायता समूह (Self Help Groups) को मिलने वाली ऋण राशि को बढ़ाने का फैसला लिया है. पिछले आर्थिक वर्ष में औसत SHG ऋण राशि 3.01 लाख रुपये थी, जो राज्य सरकार द्वारा बैंकों (state government asked banks to increase SHG loans) के लिए निर्धारित लक्ष्य से 1 लाख रुपये कम रही.
वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, 3,65,542 स्वयं सहायता समूहों को 11,005.10 करोड़ रुपये की राशि के साथ क्रेडिट लिंक किया गया है. लक्ष्य के प्रतिशत के अनुसार आंकड़ों की सफलता 104% और 126% रही, लेकिन औसत ऋण राशि बढ़ाने में सफलता नहीं मिली. बैंकिंग सेवाओं से वंचित और कम बैंकिंग सुविधाओं वाली ग्राम पंचायतों में बैंकिंग सेवाओं (banking services in rural areas) की आखिरी कोने तक पहुंचाने के लिए, इस वित्तीय वर्ष (2023-24) के दौरान सभी बैंकिंग सुविधाओं से वंचित ग्राम पंचायतों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है.
महिला स्वायंसहायता समूहों (SHG) को उद्यमियों में बदलने के लिए बैंकों द्वारा दी जाने वाली ऋण राशि को बढ़ाना ज़रूरी है. राज्य सरकार ने बैंकों से इस मामले में कार्रवाई करने और इन आंकड़ों को बढ़ाने के लिए SLBC उपसमिति का गठन किया है. इसका उद्घाटन मिशन शक्ति सचिव के नेतृत्व में होगा, जो बैंकों के साथ ऋण लिंक करने के लिए एक संस्थागत ज़रिया बनेगा.
बैंकों को नई योजना मिशन शक्ति स्कूटर योजना (Mission Shakti Scooter Yojana) को लागू करने के लिए कहा गया है. इस योजना के अंतर्गत सरकार एक लाख रुपये तक के बैंक ऋण (bank loan) के लिए ब्याज सब्सिडी दे रही है. इसके साथ ही, राज्यभर में करीब 2 लाख SHG सदस्यों को 5 वर्षों में कुल 528.55 करोड़ रुपये के बजट के साथ आर्थिक सहायता दी जाएगी.
वित्तीय सेवाओं की हर तबके तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, ग्राम पंचायतों को कवर करने का लक्ष्य तय किया गया है. इस तरह की पहलों से स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक मदद मिलने में आसानी होगी.