दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपनी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र (BJP Manifesto) की प्रति बस्तर (Bastar) की बेटी नीलावती मौर्य (Nilavati Maurya) को भेंट की. इस अवसर पर महिला कल्याण (women welfare), महिला सशक्तिकरण (women empowerment) और सरकारी योजनाओं (government schemes) के प्रभाव बताने पर ध्यान केंद्रित किया गया.
नीलावती मौर्य: आशा की किरण
Bastar की रहने वाली नीलावती मौर्य (Nilavati Maurya) भारत भर में महिलाओं की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है. घोषणापत्र कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति, समावेशिता और हमारे समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है. नीलावती मौर्य महिलाओं की अदम्य भावना के जीवंत प्रमाण के रूप में खड़ी है. छत्तीसगढ़ के बीहड़ इलाकों से लेकर सत्ता के गलियारों तक का उनका सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है. एक सामान्य परिवार में जन्मी नीलावती हरी-भरी हरियाली के बीच पली-बढ़ी, और बेहतर भविष्य के सपने संजोये. उनके किसान पिता ने उनमें कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और करुणा के मूल्य डाले.
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शिक्षा भी नहीं थी आसान
जीवन में आने वाली चुनौतियों के बावजूद, नीलावती अपनी क्षमता में अटूट विश्वास के साथ अडिग रही. शिक्षा का मार्ग बाधाओं से भरा था निकटतम स्कूल मीलों दूर और खतरे से भरी यात्रा. ज्ञान के प्रति उनकी प्यास ने उन्हें अकादमिक रूप से उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया और वह अपने गांव की अन्य लड़कियों के लिए आशा की किरण बन गई. नीलावती की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल करने का फैसला किया. ऐसे समाज में जहां पारंपरिक मानदंड अक्सर महिलाओं की आकांक्षाओं को दबा देते हैं, उन्होंने हिम्मत के साथ कॉलेज में दाखिला लिया और ऐसा करने वाली अपने गांव की पहली महिला बनीं. नीलावती का जुनून पाठ्यपुस्तकों से आगे गया और उन्होंने महिलाओं के अधिकारों (women’s rights), स्वास्थ्य (health) और शिक्षा (education) की वकालत करते हुए सामुदायिक पहल (community initiatives) में सक्रिय रूप से भाग लिया. गांव की सभाओं में नीलवती ने माता-पिता से अपनी बेटियों को स्कूल भेजने का आग्रह किया साथ ही मासिक धर्म स्वच्छता (menstrual hygiene) पर कार्यशालाएं आयोजित की, जिस पर कोई बात भी नहीं करता था.
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भाजपा घोषणापत्र में महिला कल्याण आगे
भाजपा के घोषणापत्र में महिलाओं के जीवन को सीधे प्रभावित करते बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छ वातावरण को सुनिश्चित करने पर ज़ोर है. साथ ही महिलाओं के जीवन को आसान बनाने के लिए स्वच्छ जल तक पहुंच आवश्यक है. घोषणापत्र इसे स्वीकार करता है और देश भर में जल आपूर्ति में सुधार के लिए रणनीतियों की रूपरेखा तैयार करता है. घोषणापत्र में समावेशी दृष्टिकोण रखा गया है. समावेशिता सुनिश्चित करती है कि सभी क्षेत्रों की महिलाओं की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके. घोषणापत्र (Manifesto) महिलाओं के जीवन पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के असर पर प्रकाश डालता है. वित्तीय समावेशन से लेकर कौशल विकास तक, ऐसी योजनाएं जो महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाती है.
यह कार्यक्रम महिला विकास और सशक्तिकरण के प्रति सरकार के समर्पण का प्रतीक है. वैसे ही जैसे नीलावती मौर्य की कहानी सशक्तिकरण की तरफ बढ़ते कदम का प्रतीक है. नीलावती की यात्रा को देखते हुए, हम संकल्प लें- सशक्तिकरण, समानता और एक उज्जवल भविष्य की राह पर चलने. चुनावी राजनीति में घोषणा पत्र से शुरू हुआ सफर, आज वचन पत्र और संकल्प पत्र तक पहुंचा है. नीलावती मौर्य (Nilavati Maurya) को आगे लाना ऐसा नवाचार है, जो भविष्य की दिशा और दशा तय करने में मदद करेगा.