छत्तीसगढ़ी हर्बल प्रोडक्ट्स बनेगा देश का ब्रांड

आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के हर्बल प्रोडक्ट्स देशभर में अपनी अलग पहचान बना लेंगे. छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल से तीन बड़ी संस्थाएं आगे आईं. बाकायदा एमओयू साइन कर इन कंपनियों ने प्रदेश की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नया कदम उठाया.

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छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट्स को सेंट्रल स्टोर्स में रखने के लिए एमओयू साइन करते संस्थाओं के अधिकारी  (Image Credit: Ravivar Vichar)

छत्तीसगढ़ी हर्बल प्रोडक्ट्स बनेगा देश का ब्रांड 

आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के हर्बल प्रोडक्ट्स (Herbal Products) देशभर में अपनी अलग पहचान बना लेंगे. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार की इस पहल से तीन बड़ी संस्थाएं आगे आईं. बाकायदा एमओयू साइन कर इन कंपनियों ने प्रदेश की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नया कदम उठाया. ये हर्बल प्रोडक्ट्स (Herbal Products) सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज को-ऑपरेटिव के सभी केंद्रीय भंडार स्टोर्स पर मिलेंगे। जिससे छत्तीसगढ़ हर्बल्स प्रोडक्ट  (Chhattisgarh Herbal Products) नेशनल ब्रांड बन जाएगा.  

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ, आईआईएम रायपुर और केंद्रीय भंडार ने छत्तीसगढ़  हर्बल्स को लेकर एक एमओयू (MoU)पर हस्ताक्षर किए. 

17 हजार महिलाओं के हाथ में कमान 

इस पूरे प्रोजेक्ट में स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) से जुड़ी 17 हजार महिलाएं कमान संभालेंगी. समूह की महिलाओं का कहना है- "हम बरसों से जंगल को बचाते आए. जंगल में मिलने वाली वनोपज ही हमारी ज़िंदगी है. हम बहुत खुश हैं जब से सुना कि हमारा सामान अब पूरे देश में बिकेगा.हमारी कमाई बढ़ेगी." प्रदेश एमओयू (MoU) को लेकर आईआईएम रायपुर (IIM Raipur) के प्रोजेक्ट मैनेजर (Project Manager Unit) हर्ष चतुर्वेदी बताते हैं- "इस एमओयू से कई वन उपज संग्राहकों को लाभ मिलेगा. लगभग छह लाख वनवासी में सात हजार महिलाएं जुड़ीं हुई हैं. इसके अलावा 17 हजार महिलाओं को उत्पाद खरीदी और मार्केटिंग से जोड़ा गया. समूह की महिलाओं को आर्थिक लाभ होगा.आईआईएम रायपुर के एक्सपर्ट्स दिल्ली में केंद्रीय भंडार स्टोर्स के कर्मचारियों को ट्रेनिंग देंगे." 

प्राकृतिक संपदा में छत्तीसगढ़ का दबदबा 

जंगल और वनोपज के मामले में छत्तीसगढ़ का पूरे देश में दबदबा है. पूरे देश के वनोपज का 80 प्रतिशत वन संपदा तो छत्तीसगढ़ के जंगलों में है. यहां कई तरह की जड़ी बूटियों सहित शहद, इमली, साल बीज, चारौली सहित कई उपज मिलती है. इसका मेडिसनल उपयोग और कुछ का फ़ूड प्रोडक्ट्स में उपयोग किया जाता है. एमओयू साइन करने के मौके पर सीजीएमएफपी फेडरेशन के एमडी अनिल राय, आईआईएम के निदेशक डॉ.रामकुमार काकानी और दिल्ली के केंद्रीय भंडारण में एमडी डॉ. मुकेश कुमार ने ख़ुशी जाहिर की. उन्होंने आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट्स  (Chhattisgarh Herbal Products) बिलकुल शुद्ध होने से ब्रांड को बड़ी जगह मिलेगी. और महिलाओं कि आजीविका बढ़ाने के लिए  हर तरह का सहयोग किया जाएगा.                        

       

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