अधिवेशन, कामकाज और जीवन के दौड़-भाग में छूट जाने की इच्छा हर किसी के अंदर बसी होती है. लेकिन क्या होगा अगर यह इच्छा एक व्यक्ति को एक अलग दुनिया में ले जाए, जहां केवल समुद्री पक्षी और सील ही उसके साथ हों?
Joelle Chesselet द्वारा निर्देशित डॉक्युमेंट्री "My Mercury" इसी सवाल का उत्तर देने का प्रयास करती है. इस फिल्म में विशेष रूप से प्रकृति के साथ इंसानों के गहरे और संवेदनशील संबंध को उजागर किया गया है, जो एक बेहद ही प्रेरणादायक रूप में प्रस्तुत हुआ है.
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My Mercury: इंसान और प्रकृति के रिश्ते को बखूबी दर्शाएगी फिल्म!
"जब प्रकृति और मानवता का संगम बनता है, तो कहानी एक नये रंग में रंगती है."
आज, मुंबई अंतर्राष्ट्रीय डॉक्यूमेंटरी फिल्म फेस्टिवल (Mumbai International Film Festival MIFF) के 18वें संस्करण में Film Director Joelle Chesselet द्वारा निर्देशित फिल्म "माइ मर्क्यूरी" (My Mercury) का प्रीमियर होने जा रहा है. यह documentary एक गहरे रूप से व्यक्तिगत और चुनौतीपूर्ण यात्रा है, जो Joelle के भाई Yves Chesselet के जीवन पर आधारित है, जो नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका की समुद्र किनारे पर स्थित मर्क्यूरी द्वीप (Mercury Island, Namibia, South Africa) पर एक अकेले संरक्षणवादी हैं.
Chesselet बताती हैं कि Mercury Island पर रहने के लिए इंसान को बाहरी दुनिया से नाता तोड़ शांति और एकांत का जीवन जीना पड़ता है. इस फिल्म में उनका संघर्ष, जहां समुद्री पक्षियों और सील उनके एकमात्र साथी बन जाते हैं, एक विशेष संरक्षण की कहानी के रूप में सामाजिक रूप से प्रस्तुत होता है.
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