लक्षद्वीप की महिला मतदाता की मांग 'दिया जाए बुनियादी मुद्दों पर ध्यान'

उचित सैनिटरी नैपकिन निपटान सुविधा और अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी जैसे बुनियादी मुद्दों को मौजूदा चुनाव अभियान में राजनीतिक दल कोई जगह नहीं दे रहे.

New Update
Lakshadweep female voters demand actions on sanitation and basic needs

Image - Ravivar Vichar

लक्षद्वीप (Lakshadweep) लोकसभा सीट पर महिला मतदाता की संख्या ज़्यादा होने के बावजूद, उचित सैनिटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) निपटान सुविधा और अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी जैसे बुनियादी मुद्दों को मौजूदा चुनाव अभियान में राजनीतिक दल कोई जगह नहीं दे रहे. राजनीतिक पार्टियां यहां की महिलाओं की मांगों पर बहुत कम ध्यान देती है.

भारत का सबसे छोटा संघ राज्यक्षेत्र (Union Territory UT) ; लक्षद्वीप (Lakshadweep) एक द्वीपसमूह है जिसमें में 36 द्वीप हैं. यह द्वीप 32 वर्ग किमी में फैले हुए है और यहां की राजधानी कावारत्ती (Kavaratti) है. इन द्वीपों पर इस्तेमाल किए गए सैनिटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) को इकट्ठा करने और निपटाने के लिए कोई तंत्र मौजूद नहीं है. लोग सैनिटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) को गाड़ देते है या जला देते है. इस तरह से सैनिटरी नैपकिन जो की एक तरह का बायो वेस्ट (bio waste) है और जिसमें प्लास्टिक भी होता है, उसको जलाने और डंप करने से इन अत्यधिक संवेदनशील (ecologically sensitive) द्वीपों में गंभीर पर्यावरणीय समस्याएं (environmental issues) पैदा हो सकती है.

महिला मतदाता मजबूत लेकिन मुद्दे कमज़ोर

यहां महिलाएं, कुल मतदाताओं का क़रीब 50 प्रतिशत है, राजनीतिक दलों की पुरुष-नियंत्रित मशीनरी के बीच सैनिटरी नैपकिन निपटान और स्त्री रोग विशेषज्ञों की तो मांग कर रही है, साथ ही द्वीपों को प्रभावित करने वाले विभिन्न अन्य मुद्दों को सामने ला रही है.

लक्षद्वीप के मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, निर्वाचन क्षेत्र लक्षद्वीप द्वीपसमूह के 10 बसे हुए द्वीपों में फैला है, जिसमें 57,574 मतदाता है. इनमें से 28,442 महिला मतदाता (Female Voters) है. लक्षद्वीप में किसी भी राजनीतिक दल से कोई भी महिला किसी महत्वपूर्ण पद पर नहीं पहुंची है और कुछ साल पहले पंचायत प्रशासन प्रणाली (Panchayat administration system) भंग होने के बाद से स्थानीय शासन प्रणाली (local governance system) का भी अभाव है.

महिलाओं की चिंता और समस्या

महिला मतदाता चाहती हैं कि उनकी चिंताओं को व्यापक राजनीतिक विमर्श में शामिल किया जाए और समाधान तैयार किया जाए.महिलाओं ने स्त्री रोग विशेषज्ञ के लिए कई याचिकाएं भेजी. लक्षद्वीप द्वीप समूह में सामान्य तौर पर और विशेष रूप से महिलाओं के लिए चिकित्सा सहायता प्रणाली बहुत खराब स्थिति में है. कई गर्भवती महिलाओं को भी चिकित्सीय सहायता नहीं मिल पा रही है. द्वीपसमूह के द्वीपों में अल्ट्रासाउंड स्कैन की व्यवस्था भी सिर्फ राजधानी कावारत्ती (Kavaratti) में मौजूद है.

द्वीपों की लड़कियां भी जब आगे पढ़ना चाहती हैं तो उन्हें इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. केवल एक द्वीप में ही डिग्री कोर्स की व्यवस्था है, और यदि वे कोई अन्य विषय लेना चाहते हैं, तो उन्हें भी केरल पर निर्भर रहना होता है. द्वीपों के बीच यात्रा भी आसान नहीं है.

महिलाओं ने द्वीपश्री के ज़रिये महिला स्वयं सहायता समूह (Self Help Group SHG) बनाये है जिसकी बैठक होती है और महिलाएं इन विषयों पर अपनी मूल बोली 'जेसेरी' में चर्चा करती है. महिला स्वयं सहायता समूह (Self Help Group SHG) उनके एकमात्र सशक्तिकरण मंच के रूप में काम करता है, जो उन्हें घरेलू बंधनों से मुक्त होकर उद्यमी बनने में सक्षम बनाता है, जिससे उन्हें वित्तीय स्थिरता प्राप्त होती है.

SHG स्वयं सहायता समूह महिला स्वयं सहायता समूह self help group सैनिटरी नैपकिन Lakshadweep Female Voters environmental issues चुनाव लक्षद्वीप Sanitary Napkin चुनाव अभियान राजनीतिक दल राजनीतिक पार्टियां Union Territory UT कावारत्ती Kavaratti बायो वेस्ट bio waste मतदाता महिला मतदाता