ट्रेडिशनल बैंकिंग की जगह ले सकता है फिनटेक - RBI's CAFRAL

RBI के CAFRAL की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का फिनटेक क्षेत्र आने वाले समय में पारंपरिक बैंकिंग के विकल्प के रूप में उभर सकता है. 

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मिस्बाह
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fintech replacing banking RBI

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फिनटेक (Fintech) के विकसित कोटे क्षेत्र ने फाइनेंशियल इन्क्लूशन (financial inclusion) को राह दी है. RBI के CAFRAL की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का फिनटेक क्षेत्र आने वाले समय में पारंपरिक बैंकिंग के विकल्प के रूप में उभर सकता है (fintech to replace traditional banking). 

2011 में RBI द्वारा शुरू किया गया CAFRAL

रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सेंटर फॉर एडवांस्ड फाइनेंशियल रिसर्च एंड लर्निंग (CAFRAL) का पहला प्रमुख प्रकाशन 'इंडिया फाइनेंस रिपोर्ट 2023' (IFR 2023) रिलीज़ किया.

fintech to replace traditional banking

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CAFRAL, एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसे 2011 में RBI द्वारा बैंकिंग और वित्त में रिसर्च (research in finance) और लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए इंडिपेंडेंट बॉडी के रूप में स्थापित किया गया था.

रिपोर्ट भारत में गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में नया नज़रिया पेश करती है जो रेगुलेटर्स और नीति निर्माताओं सहित सभी हितधारकों को इस क्षेत्र की जानकारी हासिल करने और इसकी ज़रुरत और अवसरों को समझने में सहायता कर सकती है.

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भारत में तेजी से हो रहा डिजिटलीकरण 

रिपोर्ट के बारे में बात करते हुए, RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा कि प्रकाशन NBFC के भीतर ज़रूरी विविधता, पारंपरिक बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ाव व उससे मुकाबला करने की क्षमता के मुद्दों और NBFC और फिनटेक के बीच बढ़ते तालमेल के प्रति संवेदनशील है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि India Stack के साथ भारत में तेजी से डिजिटलीकरण देखा जा रहा है. इसकी वजह से डिजिटल ऋण और ख़ासकर फिनटेक ऋण तेजी से बढ़ा है.

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यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की शुरूआत ने फिनटेक को डिजिटल बुनियादी ढांचा दिया है, जिससे इसके विस्तार में तेजी आई है और देश भर में फाइनेंशियल इन्क्लूशन के लिए नई संभावनाएं पैदा हुई हैं.

पारंपरिक बैंकिंग विकल्प के रूप में उभर सकता है Fintech 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि डिजिटल लेंडिंग रेगुलेशन विकास को आसान बनाने के साथ-साथ स्थिरता बनाए रखने के लिए तैयार किया जाना चाहिए.

UPI और फिनटेक ऋण के बीच मजबूत संबंध, ख़ासकर COVID-19 के दौरान, डिजिटलीकरण (digitalization) की क्षमता का प्रमाण है. फिनटेक क्षेत्र आने वाले समय में पारंपरिक बैंकिंग के विकल्प के रूप में उभर सकता है.

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Fintech के साथ Financial Inclusion को मिल रहा बढ़ावा 

गवर्नर दास ने कहा, 'विकास और तकनीकी परिवर्तन के बीच तालमेल का फायदा उठाने से NBFC सिस्टेमेटिक हो सकती हैं.

सही नीतियों के ज़रिये फिनटेक को ट्रेडिशनल बैंकिंग की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें व्यापक आबादी को सुलभ और किफायती वित्तीय सेवाएं देकर वित्तीय समावेशन को बढ़ाने की क्षमता है. फिनटेक समाधानों की एफिशिएंसी और स्पीड प्रोसेसिंग कॉस्ट और समय को काफी कम कर सकती है.

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पारंपरिक बैंकिंग के विकल्प के रूप में फिनटेक की ओर बदलाव से अधिक समावेशी, कुशल और ग्राहक-अनुकूल वित्तीय ईकोसिस्टम (Customer-friendly financial ecosystem) बनाने की क्षमता है.

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