मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को सातवीं बार एग्रीकल्चरल एक्सीलेंस अवॉर्ड (Agricultural Excellence Award) पाने का गौरव प्राप्त हुआ है. राज्य की 47% GDP में कृषि का योगदान है जिससे पता चलता है कि राज्य का प्राइमरी फोकस फार्मिंग है.
मध्य प्रदेश को 'फ़ूड बास्केट ऑफ़ इंडिया' का मिला टाइटल
Madhya Pradesh को ' फ़ूड बास्केट ऑफ़ इंडिया ' (MP Food Basket Of India) के नाम से जाना जाता है. मध्य प्रदेश संतरों, मसालों, लहसुन, अदरक, चना और दालों का सबसे बड़ा उत्पादक है, इसीलिए इसे एग्रीकल्चर पावरहाउस (MP Agricultural Powerhouse) के रूप में भी पहचान मिली है. राज्य सोयाबीन (Soyabean), मक्का, गेहूं, प्याज और फूलों की जैविक खेती (Organic Farming) के लिए भी जाना जाता है. मेडिसिनल प्लांट्स, दूध और बागवानी राज्य की कृषि शान को बढ़ावा देते हैं.
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किसानों के विकास के लिए CM शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की कई पहलें
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) किसानों के विकास के लिए नए-नए इन्नोवेशंस जैसे मेगा फ़ूड पार्क्स (Mega Food Parks), एग्रीकल्चरल क्लस्टर्स (Agricultural Clusters), इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन्स (Integrated Cold Chains) और वैल्यू एडिशन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर (Value Additions Infrastructure) लाये हैं. इससे खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) और संरक्षण क्षमताओं में ग्रोथ हुई है. मध्य प्रदेश लगातार कृषि, खाद्य, और डेयरी प्रोसेसिंग सेक्टर्स को बढ़ावा दे रहा है.
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य के लोगों के आर्थिक सशक्तिकरण पर ख़ास ध्यान दे रहे है. पीएम फ़ॉर्मेलाइजेशन ऑफ़ माइक्रो फ़ूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज (PM Formalisation Of Micro Food Processing Enterprises), फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइज़ेशन (Farmer Producer Organisation, FPO) और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (Self Help Groups, SHG) को समर्थन देने वाली पहलें की. इनसे स्मॉल स्केल फ़ूड प्रोसेसर्स (Small Scale Food Processors) के सामने आने वाली समस्याएं दूर हुई हैं. स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज (State Cooperative Societies), माइक्रो इंटरप्राइजेज (Micro Enterprises) को ज़रूरी सेवाओं तक, पहुंच आसान बनाते है. इससे एग्री फ़ूड सेक्टर (Agri Food Sector) में उनकी महत्वपूर्णता में बढ़ोत्तरी होती है.
खाद्य प्रसंस्करण को मिल रहा बढ़ावा
इनोवेटिव पॉलिसीस से कई कंपनियां जैसे कैडबरी (Cadbury), आईटीसी (ITC) और यूनिलीवर (Unilever) निवेश कर रहीं है. अन्य क्षेत्रों के मुकाबले राज्य में 1.5 गुना ज्यादा इन्वेस्टमेंट मिला, जिससे खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा मिला है.
भारत के डेयरी उत्पादन में MP पंहुचा तीसरे नंबर पर
भारत में डेयरी उत्पादक राज्यों में Madhya Pradesh 8.6% का योगदान कर तीसरे नंबर पर है. राज्य के सहकारी डेयरी फेडरेशन (Cooperative Dairy Federation), एमपी डेयरी फेडरेशन (MP Dairy Federation) अकेले 9.13 लाख किलोग्राम प्रोड्यूस करता है. अमूल (Amul), MPDF, अनिक इंडस्ट्रीज (Anik Industries),और पवनश्री फ़ूड इंटरनेशनल (Pawan Shree Food International) जैसी कम्पनीज़ की वजह से डेयरी प्रोसेसिंग लगातार बढ़ रही है.
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मध्य प्रदेश आर्थिक सशक्तिकरण की राह पर
राज्य में डेयरी उद्योग और कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी कमिटमेंट का प्रमाण है. ट्रेडिशनल कृषि तरीकों (Traditional Agricultural Practices) का इस्तेमाल कर मध्यप्रदेश एक सफल उदाहरण बनकर उभरा है. यह सब हुआ है राज्य सरकार और लोगों के निरंतर प्रयासों की वजह से. मध्य प्रदेश लगातार आर्थिक सशक्तिकरण (Economic Empowerment) की राह पर अग्रसर है.