हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के चंबा (Chamba) जिले में स्वयं सहायता समूहों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया गया, जिससे SHG महिलाओं को अपने सपने पूरा करने की दिशा मिली है. जिले में रुरल हाट ब्रिकी केंद्रों (Rural Haat Sales Centres) का शुभारंभ किया गया, जो सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं के उत्पादों (SHGs Handmade Products) की बिक्री के लिए नया मंच देगा.
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प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चंबा में इन केंद्रों का आयोजन होने से SHG उत्पादों (SHG Products) को नए बाजारों और अधिक संभावनाओं का मौका मिलेगा. यह उनमे नया उत्साह और आत्मविश्वास दे रहा है जो गांव के विकास में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ.
घरों में शुरू की जाएगी जियो टैगिंग प्रक्रिया
हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह (Rural Development and Panchayati Raj Minister Anirudh Singh) ने निर्देश दिया है कि लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए उनके घरों की जियो टैगिंग प्रक्रिया (geo tagging process of houses) की जाये. यह लोगों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और इसमें साथ मिलकर काम करना होगा.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत SHGs को मिलेगा रोजगार
इस मुश्किल समय में हमारे कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) ने आपदा प्रभावित लोगों के लिए राहत मामलों में तेजी लाने के लिए सभी अधिकारियों को समयबद्ध सीमा के भीतर काम करने का निर्देश दिया. सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) के तहत अलग-अलग कामों के लिए धनराशि से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सेल्फ हेल्प ग्रुप को बढ़ावा दिया है, जिससे महिला SHGs को रोजगार (SHG schemes for women) का मौका मिला.
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यह एक समृद्धि का संकेत है कि SHG महिलाएं आर्थिक आज़ादी की ओर बढ़ रही हैं. उनकी सफलता और समृद्धि के रास्ते पर बढ़ते हुए कदम से गांव का भी विकास हो रहा है.