भारत की मिट्टी में पली-बढ़ी हमारी दीदियां, जिनके हाथों में न केवल घर की बागडोर होती है बल्कि सपनों को साकार करने की अदम्य शक्ति भी समाहित होती है. 'लखपति दीदी योजना' उनके इसी संघर्ष और सपनों का साथी बनकर आई है. यह योजना, जिसकी नींव 2023 में रखी गई, उन सभी महिलाओं के लिए एक आशा की किरण है जो अपने सपनों को पंख लगाना चाहती हैं.
इसके माध्यम से, महिलाएं वित्तीय रूप से स्वावलंबी बन रही हैं और अपने परिवार और समाज के लिए एक मिसाल भी पेश कर रही हैं.
लखपति दीदी योजना का उद्देश्य
कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम (Skill training program) के अंतर्गत चलने वाली लखपति दीदी योजना (Lakhpati Didi Yojna) की घोषणा 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लाल किले की प्राचीर से की थी. इस योजना के तहत महिलाओं को ट्रेनिंग (Skill Development), फाइनेंशल लिटरेसी (Financial literacy) और वित्तीय मदद (Financial Aid) देकर अपने पैरों पर खड़े होने और आय का साधन बनाने या बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.
लाभ उन्हीं महिलाओं को जो है स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्य
मोदी सरकार की Lakhpati Didi Yojna ऐसी स्कीम है जिसके तहत महिलाओं को बिना ब्याज के लोन दिया जाता है. पूरी तरह से ब्याज मुक्त यह लोन, एक लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का हो सकता है. सरकार की कोशिश है कि महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तीकरण (Financial Empowerment) और वित्तीय आजादी (Financial Independence) पैदा की जाए. बस इस योजना का लाभ लेने के लिए एक ही शर्त है, वह यह है कि यह लोन केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो Self Help Group (SHG) की सदस्य होंगी.
2023 में इस योजना के तहत लाभ लेने वाली महिलाओं की संख्या का टारगेट 2 करोड़ रखा गया था, लेकिन इस साल के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Nirmala Sitharaman) ने यह संख्या 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने का ऐलान किया है. चूंकि यहां महिला की या महिला के चलते परिवार की कुल आय लाख रुपये तक करने की कोशिश है, इसलिए इसे लखपति दीदी योजना का नाम दिया गया.
क्या है लखपति दीदी योजना?
स्वयं सहायता समूह (SHG) को लेकर दिसंबर 2023 में जारी दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) की रिपोर्ट बताती है कि लगभग 10 करोड़ महिला सदस्यों के साथ भारत में 90 लाख SHG है.
लखपति दीदी योजना के तहत सालाना एक लाख आय की कैलकुलेशन दरअसल कम से कम चार कृषि मौसमों या फिर व्यापार चक्रों के लिए की जाती है. और, जिनकी औसत मासिक आय दस हजार रुपये से अधिक हो, यह कैलकुलेशन आय के टिकाऊ होने के चलते रखी गई है. सरकार की ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) की ओर से इस स्कीम को लागू किया जाता है. बिजनस ट्रेनिंग देना, सामान बाजार तक पहुंचाना, जरूरी कौशल और ट्रेनिंग देना सब इस स्कीम के तहत संभव है. पोलट्री फॉर्मिंग, एलइडी बल्ब निर्माण, खेती बाड़ी, मशरूम की खेती, स्ट्रॉबेरी की खेती, पशु पालन, दुग्ध उत्पादन, हस्तशिल्प के काम, बकरी पालन के लिए और टेक होम राशन प्लांट जैसे कामों के लिए ये लोन मिल सकता है.