भारत में महिलाओं का राष्ट्रीय सेवाओं (Women in National Services) में योगदान लगातार बढ़ रहा है. सेना, पुलिस, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में महिलाएं अब अधिक सक्रिय और प्रभावी भूमिका निभा रही हैं. इस बदलाव से इन क्षेत्रों में काम करने का तरीका बदला है. साथ ही, समाज में महिलाओं के प्रति नज़रिया भी सकारात्मक हुआ है.
महिलाएं अब हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं और अपने काम से राष्ट्र की प्रगति में अहम योगदान दे रही हैं. उनकी इस बढ़ती भागीदारी से भारतीय समाज में समानता और समृद्धि की नई दिशा स्थापित हो रही है. इसी बदलाव में अपना योगदान देने आगे आई हैं लेफ्टिनेंट इनायत वत्स (Lt. Inayat Vats).
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3 साल की थी Inayat Vats जब पिता हुए शहीद
भारतीय सेना (Indian Army) की वर्दी में, लेफ्टिनेंट इनायत वत्स (Lt. Inayat Vats) की यह तस्वीर केवल एक यूनिफॉर्म की नहीं, बल्कि उनके पिता और उनके अनगिनत सपनों की कहानी है. लगभग 20 साल पहले, जब उनके पिता मेजर नवनीत वत्स (Major Navneet Vats) ने जम्मू और कश्मीर में अपनी सेवा के दौरान शहादत प्राप्त की थी, तब इनायत महज़ 3 साल की थीं. आज वह उसी यूनिफॉर्म को पहन कर अपने पिता की यादों और उनकी बहादुरी को अपने साथ लेकर चल रही हैं.
इनायत के पिता, मेजर नवनीत वत्स, एक वीर सैनिक थे जिन्होंने अपने कर्तव्यों की बलिदानी परंपरा को अपनी अंतिम सांस तक निभाया. आज इनायत अपने पिता के इन्हीं विचारों और सपनों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. उन्होंने अपने पिता की वर्दी को चुनने के साथ उनके जैसे ही आदर्शों और मूल्यों को अपने जीवन में उतारा है.
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मां ने निभाया पिता का फ़र्ज़ भी
इनायत की मां, शिवानी वत्स ने अपनी बेटी के साथ इस सफर में हर कदम पर उनका साथ दिया है. एक सैनिक की पत्नी और अब एक सैनिक की मां के रूप में, शिवानी ने अपने जीवन की कठिनाइयों को साहस और धैर्य के साथ संभाला है. उनकी उम्मीदें और आशीर्वाद इनायत के साथ हमेशा रहती हैं.
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लेफ्टिनेंट इनायत वत्स (Lt. Inayat Vats) का सफर उन सभी सैनिकों और उनके परिवारों के बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया. अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए लेफ्टिनेंट इनायत वत्स (Lt. Inayat Vats) ने ना केवल उनकी विरासत को आगे बढ़ाया है, बल्कि भारतीय सेना में उनकी भूमिका भी उन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है जो अपने जीवन में कुछ महत्वपूर्ण और सार्थक करने की चाह रखते हैं.