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Image - Ravivar Vichar
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'शक्ति' शब्द अनेक विचारों को दर्शाता है. अपने सामान्य जीवन में इसकी धारणा हम एक गतिशील ऊर्जा के रूप में करते है, जो संसार के निर्माण, पोषण और विनाश के लिए ज़िम्मेदार है. इसे एक स्त्री ऊर्जा के रूप में पहचाना जाता है क्योंकि शक्ति निर्माण के लिए ज़िम्मेदार है, जैसे मां जन्म के लिए होती हैं. शक्ति के बिना इस ब्रह्मांड में कुछ भी नहीं हो सकता. शक्ति ही है जो सभी प्राणियों को एक बंधन से जोड़ती है और ज़रूरत आने पर बंधन से मुक्त भी करती है.
ऐसी ही एक शक्ति थी रानी लक्ष्मीबाई, जिसने अपने राज्य को एक मां की तरह संभाला भी और अपने राज्य के लिए एक योद्धा की तरह अंत तक लड़ी भी. आज यही शक्ति हमें भारत की सैकड़ों महिलाओं में दिख रही है. महिलाएं आज न सिर्फ घर संभाल रही हैं बल्कि घर के बाहर भी अपनी पहचान कायम कर रही हैं. इसी का एक उदाहरण है border पर तैनात हमारी women soldiers.
हाल ही संसद में Finance Minister Nirmala Sitharaman ने भी दावा किया और कहा कि, "महिला आज रफेल भी उड़ा रही है और बॉर्डर पर बन्दूक लेकर भी खड़ी है. महिला आज पूरे defence में है." इससे यह तो तय हो जाता है कि सरकार आज महिलाओं द्वारा दिए जा रहे योगदानों को नज़रअंदाज़ तो बिल्कुल नहीं कर रही है.
सरकारी आंकड़ों की माने तो Central Armed Police Forces (CAPF) और Assam Rifles (AR) में वर्तमान में 40 हज़ार से भी ज़्यादा महिलाएं अपनी ड्यूटी निभा रही हैं. महिलाओं का इस तरह defense में बढ़-चढ़ कर आगे आना भारत में हो रहे women empowerment कि छवि को साफ़ दर्शाता है.
Defence में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए सरकार भी अपनी तरफ से हर मुमकिन प्रयास कर रही है. सरकार द्वारा सभी महिला उम्मीदवारों के लिए Application fees को हटा दिया गया है जिससे कई ऐसी महिलाएं जो physically तो fit है पर आर्थिक रूप से कमज़ोर है, उन्हें मदद मिलेगी. इससे महिलाओं को आगे आने में भी प्रोत्साहन मिलेगा.
महिलाओं की भर्ती में कमी का एक कारण यह भी था के selection board में कोई भी महिला सदस्य नहीं होती थी जिससे निपटने के लिए board में एक महिला सदस्य को भी नामित किया गया है. इससे महिलाओं के प्रति हो रहे harassment पर भी रोक लगेगी और हर स्तर पर harassment cases से निकपटने के लिए committees बनेंगी.
Central Government द्वारा पहले से मौजूद सुविधाएं जैसे maternity leave, child care leave, आदि CAPF की सभी महिलाओं के लिए भी लागू हैं. इसी के साथ, 12 सप्ताह या उससे अधिक की pregnant महिला उम्मीदवार की नियुक्ति बच्चे के पैदा होने तक स्थगित रखी जाती है. उसके बाद भी बच्चे कि देखभाल के लिए CAPF द्वारा माताओं को creche और day care जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
महिलाएं बेशक अपनी शक्ति पूरी दुनिया को दिखा रहीं है परन्तु आज भी उन्हें एक नाज़ुक प्राणी समझा जाता है. वक़्त आ गया है कि हम सब अपनी सोच को बदलें और नारी को उसका आधिकारिक सम्मान लौटाएं.
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