आज हम अपने घरों में चैन की नींद इसीलिए सो रहे है क्योंकि कुछ बहादुर सरहदों पर 24 घंटे तैनात है. उनके लिए ना दिवाली मायने रखती है, ना ही नया साल. चाहे 50 डिग्री वाली चिलचिलाती धुप हो, या शुन्य से नीचे का तापमान, मजाल है कोई शिकायत कर दे. देश को अपनी ज़िंदगियां सौप चुके है ये सैनिक.
अच्छा! अगर आपसे पूछा जाए कि एक सैनिक कैसा दिखता होगा उस सरहद पर? तो आपके दिमाग में एक फोटो तैयार हो जाएगी. एक आदमी जो ऊपर से नीचे तक हथियारों से लैस, कोई हरकत होते ही 'हल्ला बोल' कर देने वाला. हैना?
लेकिन इस फोटो में आप एक महिला को क्यों नहीं imagine कर सकते? जवाब है, क्योंकि आजतक जब भी एक बहादुर सैनिक कि बात आती है सब लोग एक आदमी का ही portrayal आपके सामने रखते है. लेकिन आज के हालातों को देखते हुए ये कहना बिलकुल सही नहीं होगा कि एक महिला सरहद की रक्षा नहीं कर सकती.
Rajnath Singh ने किया पहले all-girls sainik school का उद्घाटन
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बस इसी stereotype को ख़त्म करने के लिए उत्तरप्रदेश वृन्दावन में defence minsiter Rajnath Singh ने पहला all-girls Sainik School का उद्घाटन किया और इसे armed forces में सेवा करने और राष्ट्र की सुरक्षा करने की इच्छा रखने वाली लड़कियों के लिए एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में सराहना की.
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Defense ministry का one of its kind project है Samvid Gurukulam Girls Sainik School
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Defense ministry के अनुसार, Samvid Gurukulam Girls Sainik School, जिसमें लगभग 870 छात्र रहते हैं, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गैर सरकारी संगठनों, निजी और राज्य सरकार के स्कूलों के सहयोग से 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने की पहल के तहत अपनी तरह का पहला स्कूल है.
Samvid Gurukulam Girls Sainik School साबित होगा महिलाओं के लिए वरदान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस school के उद्घाटन के समय कहा- "Samvid Gurukulam Girls Sainik School उन लड़कियों के लिए प्रकाश की किरण है जो सशस्त्र बलों में शामिल होने और मातृभूमि की सेवा करने की इच्छा रखती हैं. Prime minister Narendra Modi के visionary leadership में, सरकार ने महिलाओं को सशस्त्र बलों में उनका उचित स्थान दिया है."
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अपनी बात को पूरा करते हुए वे आगे कहते है- "लड़कियों को अपने male counterparts की तरह ही देश की रक्षा करने का अधिकार है. यह women empowerment की history में एक golden moment था जब हमने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश को मंजूरी दी थी. आज, हमारी महिलाएं न केवल लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं बल्कि सीमाओं को भी सुरक्षित कर रहे हैं."
2019 में दी All girls sainik school में दाखिलों को मंज़ूरी
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सिंह ने 2019 में academic session 2021-22 से लड़कियों को सैनिक स्कूलों में प्रवेश देने की मंजूरी दी थी. Mizoram के Sainik School Chhingchhip में defence ministry द्वारा शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद यह निर्णय लिया गया था.
बयान में कहा गया कि '100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना के पीछे का उद्देश्य छात्रों को National Education Policy 2020 के अनुरूप quality education प्रदान करना और उन्हें armed forces में शामिल होने सहित बेहतर career opportunities प्रदान करना है. यह private sector और आज के युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनाकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में सरकार के साथ मिलकर काम करने का अवसर भी देता है."
भारत का यह कदम साबित कर रहा है कि सरकार हर काम में महिलाओं का आगे लाने को तैयार है. देश में आजतक महिलाओं के आगे बढ़ने पर रोक लगाने कि पूरी कोषसिंह कि थी समाज ने. उनके हर काम में बढ़ा बनना, अपने पंक पसारने से रोकना और ना जाने क्या क्या. और इन सब करतूतों का नतीजा हमारे सामने है. जबतक महिला और पुरुष को सामन हक़ नहीं दिए जाएंगे तब तक देश का आगे बढ़ना नामुमकिन है. आज देश के सुरक्षा बल में महिला की भागीदारी की गयी है अब वो दिन दूर नहीं जब उनके कामियाबी के परचम हर जगह लहराए जाएंगे.
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