प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 मार्च 2024 को सशक्त नारी-विकसित भारत कार्यक्रम में भाग लिया. देश भर के 10 अलग-अलग जगहों से नमो ड्रोन दीदियों ने एक साथ ड्रोन उड़ान का प्रदर्शन वर्चुअल तौर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष किया. इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने 1000 नमो ड्रोन दीदियों को ड्रोन भी सौंपे. नमो ड्रोन दीदी और लखपति दीदी पहल, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का अभिन्न अंग है.
नमो ड्रोन दीदी बनाएगा महिलाओं को सशक्त
'नमो ड्रोन दीदी' कार्यक्रम से 15,000 स्वयं सहायता समूहों को जोड़े जाने का लक्ष्य है. इन समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे और सरकार का लक्ष्य 'नमो ड्रोन दीदी' के माध्यम से गांवों की महिलाओं को सम्मान का हकदार बनाना है. इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को ड्रोन पायलट बनने का प्रशिक्षण भी मिलेगा. स्वयं सहायता समूहों की इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम के जरिए ड्रोन कार्यक्रम इन्हें सशक्त बनाएगा. इस योजना से महिलाओं को आय के नए अवसर भी मिलेंगे. इस पहल का लक्ष्य 15,000 महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (SHG) को फसल की निगरानी, उर्वरक छिड़काव और बीज बोने जैसे कार्यों में सहायता के लिए कृषि ड्रोन से लैस करना है.
यह इभी पढ़े- Poshan Pakhwada 2024 की शुरुआत
DAY-NRLM बैंक लिंकेज की कामयाबी
प्रधानमंत्री मोदी ने उन लखपति दीदियों को भी सम्मानित किया, जिन्होंने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के सहयोग से लखपति बनने की सफलता हासिल की.बजट 2024-25 में लखपति दीदी का लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने का फैसला किया गया. आज नौ करोड़ महिलाओं के साथ 83 लाख एसएचजी सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे है, उनकी सफलता ने लगभग एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनने में मदद की है.
यह भी पढ़े- SHGs के लिए NRLM का LokOS app
पीएम मोदी ने प्रत्येक जिले में बैंकों द्वारा स्थापित बैंक लिंकेज शिविरों के माध्यम से रियायती ब्याज दरों पर स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को लगभग 8,000 करोड़ रुपये का बैंक ऋण भी वितरित किया. उन्होंने एसएचजी को पूंजीकरण सहायता निधि में लगभग 2,000 करोड़ रुपये भी वितरित किए. ये ऋण बैंकों की ओर से प्रत्येक जिले में बनाए गए बैंक संपर्क शिविरों के माध्यम से दिए जा रहे है.
ड्रोन दीदी कमाई के अवसर
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने सशक्त नारी-विकसित भारत कार्यक्रम को महिला सशक्तिकरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण बताया.
उन्होंने कहा, "आज मुझे 1000 ड्रोन को दीदियों को सौंपने का अवसर मिला है. देशभर की एक करोड़ महिलाओं ने लखपति दीदी बन कर दिखाया है और अब यह देश के नौजवानों के लिए भी प्रेरणा बन गई है. गांव में रहने वाली महिला हर महीने 60 से 70 हजार रुपए कमा रही है. यह देखकर मेरा विश्वास अपने आप बढ़ जाता है."
३ करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य
PM Modi ने कहा कि "मैंने फैसला लिया है कि अब 3 करोड़ लखपति दीदी के आंकड़े को पार करना है. इसी उद्देश्य से आज 10 हजार करोड़ की राशि भी इन्हीं दीदियों के खाते में ट्रांसफर की गई है. प्रधानमंत्री ने आगे कहा. पहले की सरकारों ने आपकी ज़रूरतें और आपकी आगे बढ़ने पर कभी विचार नहीं किया. मैंने महसूस किया कि हमारी माता-बहनों को अगर थोड़ा सा सहारा मिल जाए तो वह फिर किसी के सहारे मोहताज नहीं रहती है. वह दूसरों का सहारा बन जाती है, यह एहसास मुझे तब हुआ जब मैने पहली बार लाल किले से महिलाओं की समस्याओं पर बात की थी. मैं पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसने ग्रामीण महिलाओं के लिए शौचालय और सेनेटरी पैड का विषय उठाया था. मैं पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने कहा था कि जब महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाती हैं तो 400 सिगरेट के बराबर का धुंआ अंदर लेती है."
PM Modi की योजनाएं
PM Modi ने कहा "जब-जब मैने लाल किले से महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी परेशानियों का विषय उठाया तो कांग्रेस जैसी पार्टी ने मेरा मजाक उड़ाया. मोदी की संवेदनाएं और मोदी की योजनाएं जमीन से जुड़े अनुभवों से निकली है. आज पहली सांस से लेकर अंतिम सांस तक के लिए कोई ना कोई योजना लेकर मोदी अपनी माता बहनों के लिए हाजिर हो जाता है. गर्भ में बेटी की हत्या ना हो, इसलिए हमने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान (Beti Bachao Beti Padhao) शुरू किया. हर गर्भवती को 6000 रुपए की आर्थिक मदद दी. जन्म के बाद बेटी को पढ़ाई में दिक्कत ना हो, इसीलिए सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samruddhi Yojna) शुरू की. बड़ी होकर बेटी काम करना चाहे तो आज उसके पास मुद्रा योजना का इतना बड़ा साधन है. प्रेगनेंसी लीव को भी बढ़ाकर हमने 26 हफ्ते कर दिया ताकि बेटी के करियर पर कोई बात ना आए."
देश के SHG अध्ययन का विषय
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा "आने वाले वर्षों में देश में ड्रोन तकनीक का विस्तार होने जा रहा है. देश में 'नमो ड्रोन दीदीयों' के लिए अनगिनत रास्ते खुलने वाले है. पिछले 10 सालों में देश में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) का जिस प्रकार विस्तार हुआ है, वह अध्ययन का विषय है. भारत में स्वयं सहायता समूहों (SHG) ने महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा है."
कभी जबरदस्ती घरों तक ही सीमित थीं, अब राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रही है
पीएम मोदी ने कहा, "मुझे विश्वास है कि नारी शक्ति 21वीं सदी की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करने में सक्षम है. अंतरिक्ष क्षेत्र, आईटी क्षेत्र और विज्ञान के क्षेत्र में महिलाएं बार-बार उपलब्धियां हासिल कर रही है. दुनिया में सबसे ज्यादा महिला कमर्शियल पायलट भारत में है. आने वाले वर्षों में ड्रोन के उपयोग की अपार संभावनाएं होंगी. जो महिलाएं ड्रोन पायलट बन रही है, उनका भविष्य संभावनाओं से भरा होगा. बेहतर कनेक्टिविटी के कारण, गांवों में रहने वाली महिलाएं अब शहरों में अपने उत्पाद बेचने में सक्षम है."
उन्होंने कहा, "महिलाएं, जिनकी आकांक्षाएं कभी जबरदस्ती घरों तक ही सीमित थीं, अब राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रही है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, हमारा तीसरा कार्यकाल महिला सशक्तीकरण पर एक नया अध्याय लिखेगा."