महिंद्रा का नन्ही कली प्रोजेक्ट: बालिका शिक्षा की पहल

शिक्षा से बड़े पैमाने पर समाज का विकास किया जा सकता है. 10 साल की औपचारिक स्कूली शिक्षा के साथ वंचित लड़कियों की सहायता के लिए डिज़ाइन की गई 'नन्ही कली' (Nanhi Kali) परियोजना बालिका शिक्षा के लिए 27 वर्षों से अधिक समय से लगातार प्रयास कर रही है.

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Mahindra Nanhi Kali Project

Image - Ravivar Vichar

बालिका शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और लैंगिक समानता के 2030 संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (2030 United Nations Sustainable Development Goals of Quality Education and Gender Equality) के तहत एक वैश्विक प्राथमिकता है. भारत के लिए यह एजेंडा और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. हालाँकि सरकार पहल कर रही है, लेकिन इस बड़े अंतर को पाटने के लिए एक सामूहिक और व्यापक आंदोलन की आवश्यकता है. 'नन्ही कली' (Nanhi Kali) ऐसी ही एक पहल है, जिसे महिंद्रा समूह (Mahindra Group) के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने 1996 में शुरू किया. यह बालिका शिक्षा और महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाती है.

27+ वर्षों से औपचारिक स्कूली शिक्षा तक पहुंच

शिक्षा से वंचित लड़कियों की मदद करने से न केवल उनके जीवन में बल्कि परिवार के जीवन में भी सुधार होता है. शिक्षा से न केवल पीढ़ीगत गरीबी के दुष्चक्र को तोड़ा जा सकता है, बल्कि बड़े पैमाने पर समाज का विकास किया जा सकता है. 10 साल की औपचारिक स्कूली शिक्षा के साथ वंचित लड़कियों की सहायता के लिए डिज़ाइन की गई 'नन्ही कली' (Nanhi Kali) परियोजना बालिका शिक्षा के लिए 27 वर्षों से अधिक समय से लगातार प्रयास कर रही है.

इस से लड़कियों को सरकारी स्कूल परिसर में संचालित शैक्षणिक सहायता केंद्रों (Academic Support Centres) के माध्यम से स्कूल के बाद शैक्षणिक सहायता प्राप्त होती है. स्थानीय स्तर पर भर्ती की गई महिला शिक्षक और लड़कियों को अवधारणा-आधारित शिक्षा (concept-based learning) में संलग्न किया जाता है. साल भर चलने वाले व्यापक शैक्षिक समर्थन में वैयक्तिकृत अनुकूली शिक्षण सॉफ़्टवेयर (personalized adaptive learning software) तक पहुंच शामिल है. यह सॉफ्टवेयर डिजिटल टैबलेट पर पहले से लोड किया गया है, जिससे दूरदराज के इलाकों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंच सके.

प्रत्येक लड़की को एक वार्षिक स्कूल किट (annual school supplies kit) दी जाती है जिसमें एक स्कूल बैग, स्टेशनरी, पुलओवर/रेनकोट और स्त्री स्वच्छता सामग्री (feminine hygiene material) शामिल होती है. एक पेशेवर रूप से डिज़ाइन किया गया खेल पाठ्यक्रम भी एकीकृत किया गया है, जिससे नियमित रूप से फिटनेस गतिविधियों में भाग लेने और समग्र विकास को बढ़ावा दिया जा सके. हर साल, लड़कियां परियोजना के वार्षिक खेल आयोजन, तूफ़ान गेम्स (Toofan Games) में भाग लेती है, जिसमें ब्लॉक, जिला और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं का आयोजन किया जाता है.

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2026 तक 10 लाख लड़कियों को शिक्षित करना है लक्ष्य

यह एक समग्र पहल है जो अकादमिक कार्यक्रम से आगे जाती है. यह परियोजना लड़कियों के लिए 10 साल की स्कूली शिक्षा पूरी करने की अनुकूल प्रणाली बनाने और उनकी पूरी क्षमता को उजागर करने के लिए काम करती है. परियोजना ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि लड़कियां जबरन काम, भाई-बहन की देखभाल और बाल विवाह जैसे कारणों से शिक्षा से वंचित न रहें.

के.सी.महिंद्रा एजुकेशन ट्रस्ट और नंदी फाउंडेशन (K.C. Mahindra Education Trust and Naandi Foundation) द्वारा संयुक्त रूप से संचालित, नन्ही कली ने अब तक 15 राज्यों में 5,90,000+ से अधिक लड़कियों को प्रभावित किया है. प्रोजेक्ट नन्ही कली को आज भारत का सबसे बड़ा कार्यक्रम माना जाता है जो वंचित लड़कियों को 10 साल की स्कूली शिक्षा पूरी करने में सक्षम बनाता है. इसे 250 से अधिक कॉर्पोरेट भागीदारों का विश्वास और समर्थन हासिल किया है.

नन्ही कली का लक्ष्य 2026 तक 10 लाख लड़कियों को शिक्षित करना है, यह एक कठिन काम लग सकता है, लेकिन सहयोगात्मक प्रयासों से, निश्चित रूप से 10 लाख लड़कियों को शिक्षित करने के महत्वाकांक्षी सपने को साकार किया जा सकेगा.

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