आज के समय में स्वयं सहायता समूह (SHGs) सिर्फ रोजगार और लोन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि लोगों को चिकित्सा और बीमारियों के बारे में भी अवगत करा रहे है. SHG महिलाएं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सक्रिय जागरूकता कार्यक्रमों में माध्यम से अपने समूह के सदस्यों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ उन्हें स्वस्थ्य रहने के लिए प्रेरित कर रहीं है.
फाइलेरिया जागरूकता फैला रहीं SHG महिलाएं
ऐसे ही एक पहल कानपुर (Kanpur) के पतारा ब्लॉक (Block Patara) में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (Center For Advocacy And Research) संस्था द्वारा बनाए गए, फाइलेरिया पेशेंट नेटवर्क (Filaria Patient Network) के जरिए महिलाओं को फाइलेरिया (Filaria) के प्रति जागरूक किया जा रहा है. फाइलेरिया से पीड़ित महिलाएं, अपनी कहानियां सुनाकर, फाइलेरिया की दवा खाने के लिए अन्य महिलाओं को प्रेरित कर रहीं है. 10 अगस्त से फाइलेरिया उन्मूलन प्रोग्राम (Filaria Eradication Programme) के तहत सर्वजन दवा अभियान (Triple Drug Therapy, IDA) शुरू किया जा रहा है, जिसमे लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जायेगी.
हाल ही में, जहांगीराबाद (Jahangirabad) में SHGs महिलाओं को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां हनुमान फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप (Hanuman Filaria Patient Support Group) की सदस्य और फाइलेरिया पेशेंट यशोदा बताती है कि, उन्हें 15 साल से फाइलेरिया है. 15 साल पहले, उन्हें अचानक बुखार आई और उसके बाद उनके पैर लाल होकर सूज गए. उन्होंने एलोपैथी और आयुर्वेदिक दवाओं से उपचार करवाया, पर उन्हें कोई आराम नहीं हुआ, रोजमर्रा के काम करने में भी काफी परेशानी होती है. करीब 3 महीने पहले ही, वह सपोर्ट ग्रुप से जुड़कर, वहां बैठकों और प्रशिक्षण में भाग लेकर, अन्य महिलाओं को जागरूक कर रही है. अनजाने में ठीक समय पर दवाई का सेवन ना करने की वजह से वह बीमारी से पीड़ित रहीं. इसलिए वह चाहती है कि, महिलाएं जागरूक हो, फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें.
यह दवा 10 अगस्त से घर-घर जाकर खिलाई जाएगी. साल में एक बार, लगातार पांच साल तक फैलारियारोधी दवाई खाकर, इस बीमारी से बचा जा सकता है. आईडीए अभियान के अंतर्गत आइवरमेक्टिन (Ivermectin), डाईइथाइल कार्बमजीन (Diethylcarbamazine) और एल्बेंडाजोल (Albendazole) की दवाई खिलाई जाएगी. Self Help Groups से जुड़ी महिलाएं अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने में सक्रिय होने से न केवल खुद के लिए बल्कि अपने परिवार और समूह के अन्य सदस्यों के लिए भी प्रेरणा बन रहीं है.