सृष्टिस्री मेला बना SHGs की सौगात...

"सृष्टिस्री मेला" - जहाँ सपनों को पहचान मिलती है, और आत्मनिर्भरता का उदाहरण पूरे समाज को दिया जाता है. नौ ब्लॉकों के उत्कृष्ट SHG ने यहाँ उत्पादों का परिचय दिया, जैसे जूट के बैग, कारपेट, हस्तशिल्प, और अन्य कलात्मक वस्त्र.

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भूमिका जैन
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सृष्टिस्री मेला दे रहा SHGs को नयी पेहचान

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रायगंज, कलियागंज, इटाहार, हेमताबाद, करणदीघी, गोआलपोखर, चकुलिया, इस्लामपुर और चोपड़ा- नौ ब्लॉक्स के उत्कृष्ट SHG (Self Help Group) ने यहां उत्पादों का परिचय दिया, जैसे जूट के बैग, कारपेट, हस्तशिल्प, और अन्य कलात्मक वस्त्र.

"सृष्टिस्री मेला"- जहां सपनों को पहचान मिलती है, और आत्मनिर्भरता का उदाहरण पूरे समाज को दिया जाता है 

इस मेले में सिर्यफ उत्पादों को तैयार ही नहीं किया जाता बल्कि उन्हें बेचा भी जाता है जैसे- पापड़, हल्दी पाउडर, जीरा, लाल मिर्च पाउडर और जैविक सब्जियां.

पर्यावरण मंत्री ग़ुलाम रब्बानी ने उत्सव की शुरुआत करी और कहा- "महिलाओ को बैंक से ऋण (bank loan) मिला है, जिससे उन्हें और नए उत्पाद बनाने में मदद मिल रही है. सृष्टिस्री बाज़ार (Sristisree mela) SHG के उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहित करते है और साथ ही उन्हें बेचने में मदद भी करते है. इस प्रकार महिलाओं को समाज में सशक्त बनाया जा रहा है."

SHG से जुड़ी एक महिला बीना पाल ने सरकार का धन्यवाद् करते हुए कहा कि- "कुछ साल पहले, टेराकोटा कला (Terracota skill) अपनी आखिरी सांस ले रही थी. लेकिन राज्य सरकार ने समर्थन किया, और SHG के माध्यम से इसे फिर से जीवंत किया. अब वह इतना प्रसिद्ध हो गया है कि खरीददार हमारे गांव तक आते हैं, टेराकोटा की खूबसूरती लेने के लिए."

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