कायथा में टोल से बदलेगी महिलाओं की किस्मत
केवल 17 दिनों पहले सरकार के लिए फैसले पर अमल भी शुरू हो गया. मध्यप्रदेश (MP) के 72 टोल (Toll )में से आर्थिक रूप से डूबते 10 टोल की जवाबदारी स्वयं सहायता समूह (Self Help Group )को दी जा रही. इसकी शुरुआत उज्जैन (Ujjain) जिले से हो रही. शासन ने उज्जैन (Ujjain) जिले के एसएचजी (SHG) महिला सदस्यों पर भरोसा जताया. उज्जैन-मक्सी रोड पर कायथा (kaytha) टोल को ये महिलाएं संभालेंगी. यह टोल की सालाना इनकम 2 करोड़ से कम रह गई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद स्वयं सहायता समूह को दिए जा रहे इस प्रोजेक्ट पर नज़र रख रहे. अगस्त माह में ही यह शुरू हो सकता है. इसके अलावा शाजापुर -नलखेड़ा रोड के चाचाखेड़ी गांव में टोल की कमान महिलाएं संभालेंगी. समूह (SHG) को कुल वसूली का 30 प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा
नए रोजगार को लेकर महिलाओं में जोश
कायथा (kaytha) गांव से निकलने वाले रोड पर यह टोल फिर से संचालित होगा.कायथा के वराह मिहिर संकुल स्तरीय समूह (CLF) की अध्यक्ष कौसर परवीन कहती हैं- "हमारे समूह को अवसर मिल रहा. हम पूरी मेहनत कर सरकार का घाटा कम करेंगे. हमारी साथी बहनों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी. हम लोग भी तैयारी में जुट गए. शुरू में हमारे साथ जुड़े 42 समूह की लगभग 40 महिलाओं को नया रोजगार मिलेगा. हम बहुत खुश हैं."
कायथा में समूह कई तरह के रोजगार से जुड़े हैं. ख़ुशी समूह की आशा जाट, अंजनिया समूह की अरुण बाला, मदीना समूह की जुलेखा का कहना है- "हम बहुत खुश हैं. हमारी कमाई बढ़ जाएगी. हम वहां से निकलने वाले वाहनों के मालिकों से बहुत प्रेम और सम्मान से बात करेंगे. जिससे वो नियम से टोल का पैसा चुकाए. और हमारी ज्यादा से ज्यादा कमाई हो सके."
कायथा गांव के सीएलएफ समूह की महिलाएं जो सिलाई में जुटीं हुईं (Ravivar Vichar)
आधुनिक सुविधा से टोल होगा लैस
शासन के एमपीआरडीसी (MPRDC) विभाग के संभागीय प्रबंधक एसके मनवानी के अनुसार यह टोल पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. स्वयं सहायता समूह (Self Help Group ) को सौंपने के पहले तैयारियां लगभग हो चुकीं हैं. टोल नाके पर कैनोपी यानी छत लग रही. इसके अलावा कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम, फास्टैग मशीन व सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था है. अभी टोल संचालक केवल कमर्शियल व भारी वाहनों से ही टोल वसूली करते रहे. पूर्व संचालकों का अनुबंध खत्म हो गया.
पूरी तरह करेंगे ट्रेन
तराना ब्लॉक प्रबंधक आशुतोष लाल ने बताया- "हमारी फॉर्मल्टिज पूरी हो चुकी है. कायथा में संकुल समूह बहुत अच्छे से सभी गतिविधियां चलता है. आदेश मिलते ही हम महिलाओं को पूरा साथ देंगे." यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार लागू हो रही. आजीविका मिशन (Ajiveeka Mission) के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) चंद्रभान सिंह तोमर कहते हैं- "कायथा में संकुल स्तरीय संगठन से जुड़ी महिलाएं बहुत उत्साहित हैं. बैंक सखी सहित काफी सदस्य ट्रेन हैं. बावजूद टोल के लिए वसूली और दूसरे काम सिखाया जाएगा."