अब टोल प्लाजा की कमान समूह की महिलाओं के पास
स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की महिलाएं अब सरकार के लिए भी काम करेंगी. अपने रोजगार के दम आत्मनिर्भर हो चुकी ये दीदियां टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर भी कमान संभालेंगी.अभी तक स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की महिलाओं को पशु पालन, खेती, कटलरी, किराना और वाहन चलाते देखा लेकिन अब ये महिलाएं सिर्फ वाहन ही नहीं चलाएंगी बल्कि टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहन से टोल का पैसा भी वसूलेंगी.
मध्य प्रदेश सरकार (MP Govt.) ने कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में यह बड़ा फैसला लिया.देश में महिलाओं के लिए पहला बड़ा निर्णय है, जिसमें महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की दिशा में समूह की महिलाओं को बड़ी जवाबदारी के लिए मौका दिया जा रहा. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को यह काम इसी महीने मिलने मिल जाएगा.
टोल की रिकवरी में संजीविनी
प्रदेश के कई टोल प्लाजा अपने टारगेट के हिसाब से वसूली भी नहीं कर पाए. प्रदेश की टोल से बिगड़ती रेवेन्यू व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कैबिनेट ने यह निर्णय लिया. गृह और संसदीय कार्य मंत्री (Home Minister)
डॉ.नरोत्तम मिश्रा (Dr.Narottam Mishra) ने कहा- " प्रदेश में कई टोल समय पर वसूली नहीं कर पा रहे. कैबिनेट ने निर्णय लिया कि जिन टोल की वसूली अभी भी 2 करोड़ से कम है, उन टोल पर वसूली का काम स्वयं सहायता समूह की बहनों को दिया जाएगा. इस काम के लिए वसूली का 30 प्रतिशत हिस्सा उनको सम्मान से दिया जाएगा. देश में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) को लेकर यह पहला प्रयोग है."
जुलाई में मिलेगी सौगात
टोल प्लाजा पर वसूली का काम इसी महीने समूह की महिलाओं को दे दिया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(CM Shivraj Singh Chauhan) ने इसकी ख़ास पहल की. बताया जाता है कि 'टिफिन कैबिनेट' में सीएम ने इस पर प्लान के निर्देश दिए और तत्काल कैबिनेट में इसको मंजूरी भी दे दी गई. मुख्यमंत्री चौहान के अनुसार महिलाओं ने अब हर मोर्चे पर काम संभाला, इस टोल प्लाजा वसूली कॉन्सेप्ट में भी वह सफल होंगी.देश के पहले इस काम के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन,भोपाल (SRLM, Bhopal) ने भी भरोसा दिया कि जिस तरह महिलाएं आत्मविश्वास से काम कर रहीं, वह टोल भी संभाल लेंगी.
विवादों में होगी कमी
वाहन मालिकों और टोल कर्मचारियों के बीच कई बार विवादों के हालात बन जाते हैं. रसूखदार और कई लोग यहां तैनात कर्मचारियों के बीच मारपीट और तोड़फोड़ कि घटनाए आम बात हैं. कई बार जहां वाहन मालिक तो कई बार कर्मचारी भी दोषी पाए गए. अधिकांश यात्रा करने वाले एक निजी मशीनरी कंपनी के स्टेट हेड मयूर कहते हैं -"यह सरकार की पॉजिटिव पहल है. महिलाओं में जहां आत्मविश्वास बढ़ेगा,वहीं विवादों की वजह से लगने वाला जाम से भी बच सकेंगे."
इस निर्णय के बाद आजीविका मिशन से जुड़े अधिकारी और समूह की सदस्य भी खुश हैं. आजीविका मिशन देवास की जिला परियोजना प्रबंधक शीला शुक्ला कहती हैं- "यह बहुत अच्छी पहल है. महिलाओं को रोजगार के साथ आत्मविशवास भी बढ़ेगा."
रिपोर्टर : अंबुज माहेश्वरी,भोपाल