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Image Credits : ETV Bharat
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रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का त्योहार SHG महिलाओं की ज़िन्दगी में नई उमंग और उत्साह लाया है. सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाएं तरह-तरह की राखियां (homemade rakhi) बना कर आमदनी में बढ़ोतरी कर रही हैं. उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली गांव की समूह से जुड़ी महिलाएं भोजपत्र (Bhojpatra) से राखी बना रही हैं. इन राखियों पर लिखी बदरीनाथ की आरती इन्हें अन्य राखियों से अलग बनाती है.
हिमालयी क्षेत्रों में पेड़ों की छाल से निकलने वाले भोजपत्र (Himalayan Birch) का धार्मिक ग्रंथों में बहुत महत्व बताया गया है. इसका इस्तेमाल धर्म और पवित्र ग्रंथों को लिखने के लिए कागज के तौर पर किया जाता था. अब इस भोजपत्र से बनी राखी रक्षाबंधन (Rakshabandhan 2023) के त्योहार पर भाई की कलाई पर सजेगी.
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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत बने SHGs की महिलाएं भोजपत्र से डिज़ाइनर राखियां (designer rakhi) बना रही हैं. भोजपत्र के पौराणिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए जिला प्रशासन एसएचजी महिलाओं को भोजपत्र पर कैलीग्राफी करने की ट्रेनिंग दे रहा है.
Self Help Groups की महिलाओं ने भोजपत्र पर बदरीनाथ की आरती और श्लोक लिखे. कई तरह की चित्रकारी भी की. इन्हें अलग-अलग आउटलेट्स जैसे हिलांश आउटलेट के जरिए बेचकर अपनी आजीविका चला रहीं हैं.
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माणा और नीती घाटी की SHG महिलाओं ने भोजपत्र से बने प्रोडक्ट्स और स्मृति पत्र जिस पर बदरीनाथ की आरती लिखी हुई थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को भेंट दी. उन्होंने अपने मन की बात (PM-Mann Ki Baat) एपिसोड में उसकी प्रसंशा करते हुए भोजपत्र की महत्वता को बताया. उससे बने उत्पादों के बारे में जानकारी भी दी. महिलाएं आर्थिक सशक्त होने के लिए समूह से जुड़कर नए-नए व्यवसाय शुरू कर उनमें सफलता भी पा रही हैं.