इस युग में नारी का आत्मनिर्भर होना ही समाज के हीत में है. महिलाओं का योगदान आज देश की Economy को सोने की सीढ़ी पर चढ़ा रहा है. सरकार और Self Help Group की मदद से आज महिलाऐं पूर्ण रूप से सक्षम बनने की राह पर चल रहीं हैं.
आज देश में सभी SHGs की महिलाएं अपनी कलाकारी से बने Products को बेच रहीं हैं और अपना पालन पोषण कर रहीं हैं.
क्या आपको पता हैं ऐसा ही एक केस है-
UP के इस अनोखे SHG का जहां Mushroom Farming करके महिलाऐं lakhpati दीदी बन रहीं है.
जनपद के कप्तानगंज ब्लॉक क्षेत्र की बस्ती से शुरू हुआ यह SHG आज लाखों की कमाई कर रहा हैं. यहां की 5 महिलायें मशरूम की खेती कर रहीं हैं, खेती का सारा कार्य सिर्फ इन्हीं महिलाओं द्वारा सम्पूर्ण होता हैं. आज इसी unique idea के ज़रिये ये महिलाइएं पूर्णतः सक्षम हो गयीं है. आज वे अपना और अपने परिवार का धयान रख रहीं हैं.
इंद्रावती देवी जो इसी SHG से जुड़ी हुईं हैं, उन्होंने बताया कि Mushroom Farming करने में एक शेड बनाने और मशरूम तैयार करने के लिए 1 से 1.5 लाख रुपये का खर्च आता है. जब मशरूम तैयार हो जाता है, तो इसे 2 से 2.5 लाख रुपये में बेचा जा सकता है. व्यापारी, सरकार, और प्रशासन उचित रेट्स के साथ शेड में आते हैं. सरकार लोगों को लोन भी प्रदान करती है और इस बार उन्होंने हमें 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी की है।
हेमा देवी कहती हैं - मशरूम की खेती सरकार की अच्छी पहल है। हमने ट्रेनिंग ली है और अब मशरूम की खेती कर रहे हैं। पहले हम किसानी करते थे, लेकिन उसमें प्रॉफिट कम था। अब हम महिलाएं हैं और मशरूम की खेती करके आत्मनिर्भर हो रहे हैं। मशरूम की खेती अक्टूबर से फरवरी के बीच होती है, और इससे जनपद की कई महिलाएं तरक्की कर रही हैं। हम सालभर मेहनत करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं और आत्मनिर्भर हो गई हैं।
महिला सशक्तिकरण का सच्चा मतलब है, उन्हें स्वतंत्र बनाना.
सरकार ने एक ट्रिलियन डॉलर की economy को छूने के लक्ष्य के साथ महिलाओं को स्वतंत्र बनाने के प्रयास शुरू किए हैं। खेती और अन्य क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के संदर्भ में, बस्ती जनपद के Self Help Group ने मशरूम की उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाया है।