चलिए, आज एक कहानी सुनती हूं. कहानी है मोनिका निनामा की. यह झाबुआ, मध्य प्रदेश में रहने वाली एक महिला है, जो अपने ससुराल में हर दिन प्रताड़ना का सामना कर रही थी. एक दिन सोच लिया कि अब बस.. वह ठान चुकी थी कि अपने घर से निकल कर खुद का जीवन सवारेगी. उसने ऐसा ही किया. वह एक self help group से जुड़ी और आज एक सफल bank sakhi है. ना जाने कितनों कि मदद कर रहीं है मोनिका निनामा. वह अभी तक अपने गांव में 30 से ज़्यादा SHGs का निर्माण कर चुकीं है.
Bank Sakhis बदल रही है भारत में banking की परिभाषा
गांव में रहने वाले लोगों को जिन्हे ये सुविधाएं नहीं मिल पाती मोनिका निनामा जैसी ना जाने कितनी महिलाएं है उनकी मदद करने के लिए. ऐसी ना जाने कितनी कहानियां है हर घर, हर गली, हर मोहल्ले में और ऐसी ना जाने कितनी मोनिका निनामा है भारत में. देश में bank sakhis ने भारत के banking system को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है.
Women banking correspondents बदल रहीं भारत में financial independence की तस्वीर
Image credits: BFA global
भारत में Women banking correspondents (BC sakhis) ने बैंकिंग तक पहुंच को बेहद आसान बना दिया है और इसमें क्रांति ला दी है. पहले यह कार्य घर के पुरुषों का माना जाता था. Banking से जुड़ा कोई भी काम होगा तो घर पर पुरुषों का रास्ता देखा जाता था.
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस सोच में और इस धारणा में बदलाव आया है जो कि सराहनीय है. इस क्षेत्र में gender balance में लगातार सुधार हो रहा है. Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY) द्वारा उठाए गए कदमों ने formal savings accounts तक लोगों की पहुंच बढ़ाने में बहुत मदद की है.
हालांकि आज भी ये कहना गलत नहीं होगा कि women banking agents के रूप में सेवा करने वाली महिलाओं के काम में अभी भी बहुत सी संभावनाएं हैं. 27 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों की जरूरतों को पूरा कर रही भारत की PMJDY scheme. इससे न केवल वित्तीय समावेशन में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है बल्कि बैंकिंग क्षेत्र की गतिशीलता में भी बदलाव आ सकता है.
Women banking agents के financial revolution में बढ़ रहे योगदान
भारत में women banking agents का financial योगदान इतना है जो देखकर ही समझ आ जाएगा आपको. वे उच्च sign-up rates प्रदर्शित करते हैं और बड़े लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं इसी के साथ शायद सबसे महत्वपूर्ण बात है उनका अपने male counterparts की तुलना में ग्राहकों के साथ ज़्यादा स्थायी संबंध बनाना. महिला ग्राहकों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे अपने banking के काम कर पाए. जब इन महिला ग्राहकों को एक women banking agent के साथ मिलकर अपनी समस्याएं दूर करनी होती है तो वे आसानी से अपने काम कर लेती है.
Jan dhan plus women BCs कर रहीं अपने male counterparts से ज़्यादा बेहतर
Image credits: The leaflet
यह सब महिलाओं के लिए नए कमाई के रास्ते खोल रहा है. भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ Jan dhan plus women BCs अपने male counterparts से बेहतर काम कर रही हैं. वे male counterparts से बेहतर relationship building और बेहतर financial independence तैयार कर रहीं है.
यह बात सिर्फ कही नहीं जा रही बल्कि भारत के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) का लक्ष्य women BCs की संख्या को 18% से बढ़ाकर 30% करना कर कम आय वाली महिलाओं तक महत्वपूर्ण पहुंच सुनिश्चित करना है. Women banking agents के लिए उद्योग लक्ष्य निर्धारित करना, आवश्यक संसाधनों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना और प्रशिक्षण प्रक्रियाओं में लैंगिक संवेदनशीलता को शामिल करना महत्वपूर्ण कदम हैं.
Public sector bank और SRLM का गठबंधन साबित होगा महत्वपूर्ण
भारत में Public sector bank और state rural livelihood missions (SRLMs) में हुआ collaboration एक महत्वपूर्ण प्रगति है जो women banking agents और customers के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा. 'One Gram Panchayat, One BC Sakhi' programme राज्य BC sakhis को पहचान, भर्ती, प्रशिक्षण और पर्यवेक्षण देने के साथ उन्हें बैंकों से भी जोड़ेगा.
उदाहरण के लिए, UMED-Maharashtra SRLM का लक्ष्य 2024 तक पूरे राज्य के लिए मौजूदा self help groups से 15,000 BC sakhis की भर्ती करना है. वहीं उत्तर प्रदेश की योजना 50,000 से अधिक BC sakhis को शामिल करने की तैयारी कर चुकी है.
Women banking agents में invest करना है लाभदायक
Financial Service Providers (FSPs) का कहना है कि- "Women banking agents में invest करना अधिक लाभदायक होगा, क्योंकि महिलाएं एक बार उनके साथ जुड़ जाती है तो आखरी तक उनका साथ नहीं छोड़ती और हर customer की financial तकलीफों को दूर करके ही मानती है."
Jan Dhan Plus solution के डेटा से यह भी पता चला है कि महिला ग्राहकों द्वारा women banking agents के साथ banking से जुड़े फायदे समझने की संभावना 7.5 प्रतिशत ज़्यादा है जो banking customer base को बढ़ा रहा है.
Image credits: National herald news
Women banking agents को नियुक्त करने के लिए दृष्टिकोण बदलना ज़रूरी
हां, यह बात सच है कि Women banking agents को नियुक्त करने के बहुत से फायदे है लेकिन फिर भी आज लोगों को अपना दृष्टिकोण बदलने की सख्त ज़रूरत है. Women banking agents की भर्ती gender inequality का सामना आज भी कर रही है और इसीलिए उनकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग ऑनबोर्डिंग और प्रशिक्षण विधियों की आवश्यकता है. Women banking agents को नियुक्त करने का सबसे बड़ा फायदा है ग्राहकों का उनके ऊपर भरोसा जो customer relationship को बढ़ावा देता है.
इससे higher transactions का फायदा भी मिलता है. और ज़रा सोच कर देखिए एक महिला customer अपने दरवाज़े पर एक women banking agent को देखकर ज़्यादा भरोसेमंद महसूस करेगी. इसीलिए women banking agents को नियुक्त करने से doorstep banking भी बढ़ रही है.
Women banking agents financial inclusion के साथ बन रहीं सशक्त
Women banking agents financial inclusion के साथ सशक्तिकरण और समर्थन भी प्राप्त कर रहीं है. अगर एक महिला banking agent बनती है तो ना केवल उसे बेहतर आय प्राप्त होती है बल्कि सोसाइटी में उसकी financial literacy, आत्मविश्वास और status भी बढ़ता है.
Bima Vahak Programme में women banking agents निभाएंगी बड़ी भूमिका
महिला बैंकिंग एजेंटों को बढ़ावा देने में भारत की प्रगति अन्य देशों के लिए एक ब्लूप्रिंट के रूप में काम कर रही है. Insurance Regulatory and Development Authority of India ने हाल ही में "Insurance for all by 2047" के लक्ष्य को प्राप्त करने और पूरे भारत में बीमा उत्पादों की पहुंच और उपलब्धता में सुधार के लिए Bima Vahak Programme (insurance agent) की घोषणा की है. इस कार्यक्रम में women banking agents बहुत बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है. भारत सरकार का यह फैसला भी तय है कि यहां फिर से फोकस अधिक women banking agents को शामिल करने पर रहे.
Banking agents के तौर पर महिलाएं आगे बढ़कर अपने सपनों को पूरा करने के साथ देश को आगे बढ़ाने में भी बड़ी भूमिका निभाएंगी. महिलाओं को आज तक समाज ने वित्त से जुड़े मामलों में पड़ने से रोका था. वे हमेशा भूल जाते थे कि एक महिला ही है जो घर को चलाने के लिए हर पैसे का बराबर हिसाब रखती है. घर की ज़िम्मेदारी तो दी लेकिन जब भी बात आई बैंक से जुड़े कामों कि तो उन्हें पीछे कर दिया.
लेकिन आज हालात बदल चुके है. एक महिला जितनी बखूबी अपने घर चला रही है उतनी ही बेहतरीन तरीके से गांव के लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. ओर यह बात मान लेना कही से कही तक गलत नहीं होगा कि अब इस देश को women financial ambassadors की ज़रूरत है!