इंदौर और 'थैलेसीमिया मुक्त भारत 25' की फाउंडर समाजसेवी डॉ.रजनी भंडारी को उम्मीद है कि एक बार Prime Minister Narendra Modi के अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में थैलेसीमिया मुक्त भारत बनाने के लिए अपील करेंगे.ये दर्द भी उनके कानों तक पहुंचा.
जांच अनिवार्य हो तो बीमारी से बचेंगे मासूम
ब्लड से जुड़ी इस जानलेवा बीमारी से मुक्ति को लेकर पिछले 28 साल से मिशन में जुटीं इंदौर की डॉ.रजनी भंडारी बताती हैं-"thalassemia जैसी बीमारी से बचने के लिए स्थाई इलाज नहीं.मैंने PM Narendra Modi से मिलकर किसी की भी शादी से पहले उस कपल की थैलेसीमिया जांच के लिए ब्लड टेस्ट करवाने को जरुरी कर दें तो भविष्य में जन्म लेने वाले मासूमों को इस बीमारी की सजा नहीं मिलेगी.'मन की बात' में अपील करने की बात कही.मुझे ख़ुशी है कि मोदी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया."
डॉ.भंडारी 'लेट्स मेक इंदौर एंड इंडिया थैलेसीमिया फ्री 25' की फाउंडर हैं.
Dr.Preeti Malpani ने बताया-"इंदौर के सरकारी चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में स्पेशल वार्ड सुविधा है.यहां लगभग 250 बच्चे रजिस्टर्ड हैं.इनका निःशुल्क इलाज किया जाता है.इसमें बच्चों के लिए कई सुविधाएं संस्था की मदद से मिल सकी."
MY हॉस्पिटल, indore कैंपस में स्पेशल वार्ड में भर्ती पीड़ित (Image: Ravivar Vichar)
सुपर स्पेशलिटी वार्ड में एक लाइब्रेरी है. बच्चों के मनोरंजन और सकारात्मक माहौल के लिए 500 किताबों का संकलन है.खास बात यह यहां पदस्थ दिलीप,अरविन्द और कल्पना इस व्यवस्था को संभालते हैं.
कैंप में होगी मासूमों की जांच,एक लाख लोग बीमार
हर साल की तरह इस साल भी 8 May world thalassemia day पर Indore के MY Hospital कैंपस में बाल नेहरू चिकित्सालय में निःशुल्क जांच और सुझाव कैंप आयोजित होगा.
Dr.Prachi Chaudhary ने बताती हैं-"यह अनुवांशिक बीमारी है.इसका इलाज जरूरत पड़ते है ही पीड़ित को ब्लड और रोज़ मेडिसिन देना होता है. बीमार के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। कई बार बीमार को महीनों अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है। अभी भी देश में 4 प्रतिशत लोग इस जानलेवा बीमारी के केरियर बने हुए हैं."
खुश्बू पत्रिका का विमोचन करते CM MOHAN YADAV और Dr.Rajni Bhandari (Image: Ravivar Vichar)
Dr.Rajni Bhandari आगे कहती हैं-"मैंने MP के CM Dr.Mohan Yadav को भी इस बीमारी से बचाव के लिए शादी के रजिस्ट्रेशन के समय और प्रीग्नेंट महिला की इस जांच को भी अनिवार्य करने का सुझाव दिया.लक्षण पाए जाने पर safe abortion करवाने से new born baby जन्म लेने से पहले ही इस बीमारी से बच जाएगा."
कई अवार्ड से सम्मानित इस बीमारी और सकारात्मक विचारों के लिए खुश्बू पत्रिका भी निकलती हैं.मिशन को सफल बनाने के लिए थैलेसीमिया एंड चाइल्ड वेलफेयर ग्रुप लगातार काम कर रहा.