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"धूम धाम से शादी करेंग अपनी बेटी की, किसी चीज़ की कमी नहीं होने देंगे अपनी बिटिया को. वो जो चाहेगी अपनी शादी के दिन वैसा ही होगा", ये सब बातें तो हर घर में करी जाती है. लेकिन जब वही बेटी शादी कर जिस घर में जाती है और परेशान होती है, उसे समझने वाला कोई नहीं होता. कह दिया जाता है कि अब तुम उसी घर की हो तुम्हें वहीं के हिसाब से रहना पड़ेगा.
जब शादी करनी थी तो इतनी धूम और जब लड़की घर वापस आ न चाहे तो मातम जैसा माहौल? एक महिला जब पति को छोड़कर stand लेती है तो सब लोगों को उसे support कर उसके decision को सराहना चाहिए. लेकिन लोग उसे ही दोषी मानते है और ना जाने क्या क्या बोलते है.
अगर शादी (Divorce photoshoot) लड़ने के लिए बारात जा सकती है तो शादी तोड़ने के लिए क्यों नहीं? सुन कर हो सकता है आपको अजीब लगे क्योंकि normal नहीं है ये. लेकिन ऐसा हुआ है झारखंड (divorced couples in india) के एक घर में जहां, पिता ने पूरे देश के सामने एक example सेट कर दिया है. अगर घर से जाते वक़्त लड़की को बारात के साथ विदा कर सकते है तो उसके घर वापस आने पर तो और बड़ी बारात होनी चाहिए.
जब इस लड़की के पिता को पता पड़ा कि सास ससुर उसे harass करते है तो उन्होंने अपनी बेटी को घर वापस आने को बोल दिया. जब उसे वापस ला रहे थे तो बारे के साथ लेकर आए. यह करारा जवाब है हर उस इंसान कि सोच को जो लड़की को पराया धन समझता है और उसे अपने ससुराल में रहने और सहने सहने के लिए मजबूर करते है.