नवरात्रि (Navaratri 2023) के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को पूजा जाता है. यह दिन मां ब्रह्मचारिणी की बुद्धिमत्ता, ज्ञान, समर्पण, निष्ठा और प्रेम से सीख लेने का दिन है. मां ब्रह्मचारिणी का नाम 'ब्रह्मचर्य' से आया क्योंकि देवी अपने इस रूप में ब्रह्म के साथ अध्ययन और तपस्या में लगी रहीं. माँ ब्रह्मचारिणी का चित्रण शांति, सजीवता और साहस से भी भरपूर होता है. मां एक उदाहरण हैं कि कैसे एक महिला में शक्ति और गुणों का मिलन होता है.
माँ ब्रह्मचारिणी
माँ ब्रह्मचारिणी की कथा हमें अध्ययन और तपस्या का महत्व सिखाती है. वे अपनी तपस्या के बल पर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करती हैं. उनके यही गुण आज की महिलाओं के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. भारतीय महिलाएं भी ज्ञान, समर्पण, प्रेम और निष्ठा के साथ काम कर रही हैं. वे अपने काम के प्रति समर्पित और साहसी हैं, जैसे कि माँ ब्रह्मचारिणी थीं.
भारतीय महिलाएं (Women empowerment) उन सारी शक्तियों को आदर्श बना रही हैं, जो माँ ब्रह्मचारिणी में प्रकट होती हैं. आज देश, दुनिया और समाज को एक सशक्त और सुशिक्षित महिला की आवश्यकता है और यहीं रूप मां ब्रह्मचारिणी का भी है. इस नवरात्रि, हम सभी को माँ ब्रह्मचारिणी के आदर्श का पालन करने की प्रेरणा मिलती है, ताकि हम भी अपने जीवन में ज्ञान और समर्पण के साथ सफल हो सकें.