Sarojini Lakra पुलिस कांस्टेबल से बनी IPS Officer

स्पोर्ट्स कोटे से साल 1986 में, सरोजिनी लकड़ा कॉन्स्टेबल बनीं और रांची पुलिस बल में पोस्टिंग मिली. 37 साल बाद, आईपीएस के पद पर पदोन्नत हुई. उन्हें 2017 IPS बैच आवंटित किया गया है.

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हेमा वाजपेयी
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Image : Ravivar

स्पोर्ट्स कोटे से साल 1986 में, सरोजिनी लकड़ा कॉन्स्टेबल बनीं और रांची पुलिस बल में पोस्टिंग मिली. 37 साल बाद, आईपीएस (Indian Police Service) के पद पर पदोन्नत हुई. उन्हें 2017 IPS बैच आवंटित किया गया है.

सरोजनी लातेहार, झारखंड (Jharkhand) राज्य के रामसेली गांव की रहने वाली है. सरोजिनी का जन्म ट्राइबल परिवार में हुआ. उनके परिवार की स्थिति आर्थिक रूप से ठीक नहीं थी. सरोजिनी की बचपन से खेल में रूचि थी पर परिवार की मुश्किलें उन्हें खेल से जुदा नहीं कर पाई.

वह हर दिन बिना चप्पल स्कूल पहुंचने के लिए 5 किमी दौड़ लगातीं. स्कूल के स्पोर्ट्स कॉम्पीटिशंस में नियमित रूप से पुरस्कार जीतती. उनके पहले जीते हुए कैश रिवॉर्ड से घर में गाय खरीदी गई. 

स्पोर्ट्स एकेडमी में शामिल होकर जीतीं कई प्रतियोगिताएं 

कोच रॉबर्ट किस्पोट्टा ने सरोजिनी के स्पोर्ट्स के प्रति लगाव देखकर, उन्हें अपने स्पोर्ट्स एकेडमी में शामिल किया. एकेडमी में  खाना और आवास मुफ्त था.

SAROJINI LAKRA

Image Credits : Sakshi Education

कोच के मार्गदर्शन में, सरोजिनी ने अनेक खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर अपने जिले और झारखंड का नाम रौशन किया. सरोजिनी ने  इस साल दिल्ली में हुए SGFI गेम्स में जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीता.

स्पोर्ट्स कोटा से मिली पुलिस बल में कॉन्स्टेबल की नौकरी

स्पोर्ट्स कोटा के तहत सरोजिनी को पुलिस बल में कॉन्स्टेबल की नौकरी मिली. उन्होंने ज़िन्दगी में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा बल्कि अपने मेहनत और संघर्ष से खेल जगत में अपना नाम किया. 100 मीटर हर्डल्स रेस, 100×400 मीटर रिले रेस, हाई जंप, लॉन्ग जंप, और हेप्टाथलॉन में बेहद उत्कृष्ट प्रदर्शन दिया.

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Image Credits : newswing

राज्य पुलिस में अलग-अलग पदों पर सेवा देने के बाद, सरोजिनी अब आधिकारिक रूप से भारतीय पुलिस सेवा (Indian police serivces) में शामिल होकर 2019 में एसपी के रूप में सेवा दी. सरोजिनी की प्रेरणास्त्रोत कहानी से हमें सिखने को मिलता है कि संघर्ष से भरे जीवन में भी सफलता पाना संभव है. 

Jharkhand Indian police serivces