हमारी पौराणिक कथाओं में 'बेटी और बहू' को 'गृहलक्ष्मी' कहा गया है, लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि जब यही 'ग्रहलक्ष्मियां' बिज़नेस खड़ा करने का सपना देखती हैं, तब समाज उनकी काबिलियत पर सवाल उठाता है. वो देहलीज़ लांघकर Business भी संभाल सकती हैं, यह ख़्याल समाज के दिमाग में आता ही नहीं. लेकिन आज परिस्थितियां बदल चुकी हैं.
किरण मजूमदार शॉ, इंद्रा नूई, वाणी कोला, चंदा कोचर, उपासना टाकू, श्रद्धा शर्मा, वंदना लूथरा, फाल्गुनी नायर, नमिता थापर और विनीता सिंह जैसी कई महिला उद्यमियों की Success Stories (top 10 female entrepreneurs in india) लोगों के ज़हन में घर कर चुकी हैं.
Indian Startup Ecosystem पर एक नज़र
भारत के startup ecosystem (startup ecosystem in India) ने हाल में तेजी से विकास का अनुभव किया है. 90,000+ startups के साथ ग्लोबल स्टार्टअप इकोसिस्टम की रैंकिंग में भारत तीसरे नंबर पर अपनी जगह बना चुका है. इस परिवर्तन का सबसे अहम और उल्लेखनीय पहलू महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप (women-led startups in india) की बढ़ती प्रमुखता है, जो patriarchal mindset को चुनौती देकर देश में उद्यमशीलता की कहानी को नया आकार दे रहे हैं.
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इस मुक़ाम पर पहुंचने के लिए महिला उद्यमियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. सामाजिक अपेक्षाएं, फंडिंग तक सीमित पहुंच और मेंटरशिप के अवसरों की कमी आदि महिलाओं के नेतृत्व वाले startups के विकास में बाधा बन रही थीं. (problems faced by women entrepreneurs)
लेकिन हाल ही में WISER की प्रकाशित रिपोर्ट महिला उद्यमियों और उनके startups के सुनहरे भविष्य को प्रतिबिंबित करता हैं.
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Women Based Startups के विकास की तेज़ हुई स्पीड
Women in India's Startup Ecosystem Report (WISER) के अनुसार भारत में Women Owned startups की संख्या साल 2017 में 10% से बढ़कर 18% हुई. इतना ही नहीं $1 Billion की वैल्यूएशन वाली Women led Unicorn Businesses की संख्या में 8% से 17% की बढ़ोतरी की.
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बढ़ते Women Startups की संख्या न सिर्फ़ भारतीय बिज़नेस इकोसिस्टम को इंक्लूसिव बना रहीं है, बल्कि महिला कॉर्पोरेट वर्कर्स को प्रोफेशनल बूस्ट भी दे रही है. रिपोर्ट के अनुसार Corporate businesses में 21% महिलाओं के मुक़ाबले स्टार्टअप्स में 32% महिलाएं सीनियर रोल्स पर हैं, यानी women based startup महिलाओं को ट्रेडिशनल सेटिंग्स के मुक़ाबले 2.5 गुना ज़्यादा ग्रोथ देता है.
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Women Owned Startups की Growth के पीछे है यह प्रमुख कारण
केंद्रीय सरकार की प्रधान मंत्री मुद्रा योजना, स्त्री शक्ति लोन योजना, Startup India Scheme (government scheme for startups) आदि और राज्य सरकार जैसे गुजरात की herStart और Telangana की We-Hub जैसी पहलों ने महिला उद्यमियों के लिए Seed Funding की समस्या को दूर किया है.
वही AccelerateHer 2023, Her & Now और Womennovator (startup incubators in india) जैसे प्राइवेट Women-Centric Incubators ने शुरुवाती पड़ाव पर महिलाओं का हाथ थाम उन्हें financial, strategic और technological boost भी दिया.
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Kiran mazumdar Shaw, Upasana Taku जैसी Industry titans उभरती महिला उद्यमियों को ट्रैन कर रहीं हैं, वहीं अपने Venture Capital Firms के ज़रिये कई महिला entrepreneurs जैसे अंजली बंसल, अर्चना प्रियदर्शिनी, आरती गुप्ता, अनिषा सिंह, बाला देशपांडे, भारती जैकब आदि छोटे उद्यमियों की सहायता कर रही हैं. Women Entrepreneurship platform और G20 EMPOWER जैसे प्लेटफॉर्म्स महिला उद्यमियों को Networking का मंच दे रहे हैं.
इन सारे संसाधनों के साथ महिला उद्यमी अपना बिज़नेस शुरू ज़रूर कर लेती हैं, लेकिन उनकी adaptability, multitasking ability उनकी बिज़नेस को sustain करने में अहम भूमिका निभाती है.
Bain & Company की रिपोर्ट के अनुसार Women based Startups का ROI पुरुषों के मुक़ाबले 35% ज़्यादा है जिसके चलते Women based Startups में Venture Capital Funding 11% से बढ़कर 20% हो गई है.
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जैसे-जैसे भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित हो रहा है, महिला उद्यमियों का योगदान निर्विवाद रूप से इसके पथ को आकार दे रहा है. Women entrepreneurial startups की सफलता की कहानियां महिलाओं की क्षमता, लचीलेपन और रचनात्मकता के प्रमाण के रूप में काम करती हैं. महिला उद्यमियों को अगर इसी गति से आगे बूस्ट मिलता रहा तो Bain & Company की रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक महिला based startups 150-170 million नौकरियां जनरेट कर सकेंगी.