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मध्य्प्रदेश के विदिशा की प्रभा की कहानी मिसाल बन गई. चाल साल पहले तक मजदूरी कर पेट भरने वाली प्रभा आज एक भोजनालय की मालकिन है. ईंट भट्टों में काम करने वाली आज दूसरों को रोजगार दे रही. स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर ज़िंदगी का नया स्वाद चखा.
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