भोजनालय के साथ चखा ज़िंदगी का स्वाद

मध्य्प्रदेश के विदिशा की प्रभा की कहानी मिसाल बन गई. चाल साल पहले तक मजदूरी कर पेट भरने वाली प्रभा आज एक भोजनालय की मालकिन  है. ईंट भट्टों में काम करने वाली आज दूसरों को रोजगार दे रही. स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर ज़िंदगी का नया स्वाद चखा.

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SHG bhojnalaya

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मजदूरी से समूह ने बनाया होटल मालकिन 

विदिशा (Vidisha) जिले के श्री गणेश स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) सुआखेड़ी गांव की प्रभा परिहार बताती है- "मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि ज़िंदगी में  बदलाव आएगा. पहले मजदूरी करते थे. पति और मैं काम के बावजूद इतना कमा नहीं पाते. समूह से जुड़े. शुरू में अगरबत्ती बनाने का काम शुरू किया. अच्छी कमाई हुई. 2020 में भोजनालय की शुरुआत की. पति भी साथ देते हैं. हम और लोगों को भी हम रोजगार दे सके.15 हजार रुपए महीने कमा लेते हैं." 

VIDISHA PRBHA HOTEL

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लागातर समूह को कर रहे मजबूत 

जिले में जिला प्रशासन  के साथ जिला पंचायत के अधिकारी स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) को और मजबूत करने में लगे हुए हैं. आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) संजय कुमार चौरसिया कहते है- "जिले में समूह की महिलाओं को शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा. प्रभा परिहार को भी समूह के माध्यम से 50  हजार का लोन सुविधा दी गई. भोजनालय का प्लान सफल रहा. अब वह दूसरों को मदद कर रही. जिले में दूसरे समूह की महिलाओं को भी ट्रेनिंग देकर प्रोत्साहित किया जा रहा."
विदिशा जिले की प्रभा परिहार अब दूसरों को ट्रेनिंग दे रही जिससे दूसरे समूह की महिलाएं भी आगे बढ़ सके.                          

आजीविका मिशन स्वयं सहायता समूह self help group Ajeevika Mission Vidisha DPM विदिशा