Banashree App के साथ डिजिटली सशक्त हो रहीं आदिवासी महिलाएं

दिसंबर 2022 में बनश्री मोबाइल एप्लिकेशन के साथ बदलाव आना शुरू हुआ. सेंटर फॉर यूथ एंड सोशल  डेवलपमेंट द्वारा लॉन्च किये गए बनश्री ऐप ने आदिवासी महिलाओं को NTFP मूल्य श्रृंखला, मार्केट लिंकेज, फाइनेंशियल इन्क्लूशनसे जुड़ी अहम जानकारी दी.

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मिस्बाह
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Banashree App

Image: Ravivar Vichar

Digital india मिशन गांवों और दूरदराज के इलाकों में अपनी क्रान्ति की लहर फैलाते हुए ओडिशा (Odisha) के घने जंगलों में रह रहीं आदिवासी महिलाओं (adivasi women) तक पहुंच चुका है. डिजिटल पहल की बदौलत, कोरापुट जिले में आदिवासी महिलाओं का जीवन बदल रहा है. ये महिलाएं, जो लंबे समय से अपनी आजीविका के लिए गैर-लकड़ी वन उपज (NTFP) के संग्रह और बिक्री पर निर्भर थीं, अब डिजिटल युग का लाभ उठा रही हैं (adivasi women selling through app).

Center for Youth and Social Development ने लॉन्च किया Banashree App

मुख्य रूप से आदिवासी आबादी वाला कोरापुट भारत के सबसे गरीब जिलों में से एक है. राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (The National Multidimensional Poverty Index) बताता है कि इसके एक तिहाई से ज़्यादा निवासी अति गरीबी में रहते हैं. इस क्षेत्र की महिलाओं के लिए, आमदनी का मुख्य आधार वन उपज इकट्ठा करना और इसे व्यापारियों को बेचना है. सही जानकारी न होने और बाजार तक पहुंचने में चुनौतियों की वजह से उन्हें सही दाम नहीं मिल पाता.

banashree app

Image Credits: Mongabay-India

दिसंबर 2022 में बनश्री मोबाइल एप्लिकेशन की शुरुआत के साथ बदलाव आना शुरू हुआ. सेंटर फॉर यूथ एंड सोशल  डेवलपमेंट (Center for Youth and Social Development) द्वारा लॉन्च किये गए बनश्री ऐप ने आदिवासी महिलाओं को NTFP मूल्य श्रृंखला, मार्केट लिंकेज, फाइनेंशियल इन्क्लूशन के बारे में अहम जानकारी देकर सशक्त बनाया है.

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Banashree mobile application के ज़रिये मार्केटिंग कर रहीं महिलाएं  

"कोरापुट जिले के छह 'ब्लॉकों' के अंतर्गत 22-ग्राम पंचायतों में दो स्वयं सहायता समूहों (SHG) की 20 महिला संग्राहकों ने इस साल अच्छा मुनाफा कमाया. उन्होंने अपनी फसल सरकारी संस्था, जनजातीय विकास सहकारी निगम लिमिटेड (TDCC) को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 3,600 रुपये ($43) प्रति क्विंटल पर बेची - डिजिटलीकरण की शक्ति के लिए धन्यवाद.'' पुष्पलता बिसोयी ने  बताया.

Banashree mobile application की मदद से महिलाओं ने अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए डिजिटलीकरण की शक्ति का इस्तेमाल किया. यह डिजिटल पहल न सिर्फ इन महिलाओं के लिए उचित आय सुनिश्चित करती है, बल्कि व्यापारियों की शोषणकारी प्रथाओं को भी खत्म करती है जो उनकी जानकारी की कमी का फायदा उठाते थे.

डिजिटल साक्षरता के ज़रिये हो रहा महिलाओं का सशक्तिकरण 

इस पहल की विशेषताओं में से एक डिजिटल साक्षरता के ज़रिये महिलाओं का सशक्तिकरण (women empowerment) है. डिजिटल चैंपियंस, समुदाय के लीडर्स, महिलाओं को ऐप का इस्तेमाल  करने के बारे में शिक्षित करने और मार्केटिंग गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए अथक प्रयास करते हैं. 

adivasi women using banashree app

Image Credits: People's Archive of Rural India

हालांकि डिजिटल सशक्तिकरण (digital empowerment) की राह चुनौतियों से रहित नहीं है. इंटरनेट और स्मार्टफोन का अभाव ख़त्म करने और इसके इस्तेमाल के बारे में जागरूकता बढ़ाने की ज़रुरत है. 

बनश्री की सफलता दर्शाती है कि कैसे डिजिटल पहल हाशिए पर रहने वाले समुदायों, ख़ासकर महिलाओं के जीवन को बदल सकती है और बिचौलियों पर निर्भरता को कम करके आर्थिक समृद्धि का सफर आसान बनाती है. यह डिजिटल क्रांति ओडिशा की आदिवासी महिलाओं के लिए उज्जवल भविष्य का वादा करती है.

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