कभी आपने सोचा है कि एक व्यक्ति पर क्या बीतती होगी जब उसे अपनी तबियत के कारण अपने काम को बंद करना पड़ता हो. पूरी मेहनत से अपना काम करो और फिर तबियत ख़राब हो जाए तो बिस्तर पर रहकर बस ये ही सोचो की अब सब कुछ कैसे होगा, काम को दोबारा कैसे खड़ा करेंगे... और ना जाने क्या क्या.
अक्सर लोग हार मान लेते है, लेकिन आज की कहानी में जो महिला है वो ठान चुकी थी कि चाहे कुछ भी हो जाए, अपने आगे बढ़ चुके काम को छोड़ेगी तो किसी भी हाल में नहीं. राजवंत हरियाणा के यमुनानगर की 34 वर्षीय महिला है, जो fashion की पसंद और समझ रखने वालो के लिए एक बुटीक चलाती थीं.
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Business को बिमारी के चलते करना पड़ा बंद
उनका बुटीक बॉलीवुड से प्रेरित फैशन के लिए जाना जाता था. सब लोग उनके काम को बेहद पसंद भी करते थे. सब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन उनकी जिंदगी में तब मुश्किल मोड़ आया जब उन्हें एक गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा. इस झटके ने उन्हें अपने करियर को रोकने पर मजबूर कर दिया. अपनी सारी savings को चिकित्सा खर्चों पर लगाने पर मजबूर हो गयी राजवंत. परेशान हो गयी कि अब सब कुछ कैसे चलेगा. उनका काम बहुत अच्छा चल रहा था, उन्होंने भी सोचा होगा कि इसे और आगे बढ़ाउंगी लेकिन यह होने के बाद वो शायद टूट सी गयी थी.
महीनों तक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने के बाद, राजवंत अब बेहतर महसूस तो कर रही थी, लेकिन अपने buisness को दोबारा खड़ा करने पर उनका पूरा ध्यान था. उनका फैशन में अपना करियर फिर से शुरू करने का संकल्प दृढ़ था. उन्होंने अपना बुटीक फिर से शुरू करने और अपने परिवार के लिए एक उज्ज्वल भविष्य बनाने का फैसला कर लिया. वो अपना comeback plan करने में लग गयीं. उनका प्लान था कि वे अपने बूटिक के लिए एक किराए की जगह सुरक्षित करेंगी और अपने पुराने ग्राहकों के साथ फिर से जुड़ने के लिए एक मार्केटिंग रणनीति बनाएंगी. उन्होंने ऐसा ही किया.
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समस्या थी capital का ना होना
हालाँकि, राजवंत के लिए एक बड़ी चुनौती अपनी योजनाओं को वास्तविकता में बदलने के लिए पैसा या capital इक्कठा करने की थी. उनके पति, जो रेलवे तकनीशियन के रूप में काम करते हैं, की मासिक आय 23,000 रुपये ही थी. इसीलिए उन्हें यह पता था कि घर से पैसा की मदद हो पाना नामुमकिन है. चिकित्सा खर्चों ने पहले ही उनकी बचत ख़त्म कर दी थी, और राजवंत को अपने परिवार पर बोझ पड़ने की चिंता भी खाए जा रही थी. वे परेशान तो थी, लेकिन फिर भी रास्ते ढूंढ़ने से पीछे नहीं हटी. और कहते है ना जब आप कुछ पूरी शिद्दत से चाहते है तो कोई ना कोई रास्ता तो मिल ही जाता है.
Mahila Money loan के रूप में मिला वरदान
राजवंत अपनी खोज जारी रखी हुई थी, कि तभी उन्हें पता चला Mahila Money Loan के बारे में. यह कंपनी महिलाओं के लिए business loans (business loans for women) देने के काम को बेहद आसान कर चुकी है. बस फिर क्या था,उसने 30,000 रुपये के ऋण के लिए आवेदन किया और उसका लोन तुरंत स्वीकृत हो गया.
वह बताती है- "मुझे Mahila money में आशा की एक किरण दिखी, जहां मैं विशेष रूप से महिला उद्यमियों के लिए तैयार किए गए business loan का लाभ उठा सकती थी. बिना किसी हिचकिचाहट के, मैंने तुरंत ऋण के लिए आवेदन किया और 30 हजार रुपये के लिए मेरी loan request तुरंत मान ली गयी.''
वह आगे बताती है- “मैंने loan का उपयोग अपने बुटीक में ज़रूरी चीज़ें, जैसे बटन बनाने वाली मशीनें, धागे के बक्से, मशीन का तेल और लेस खरीदने के लिए किया. ये छोटी छोटी चीजें सिलाई की प्रक्रिया को बहुत आसान बना देती है. मैंने अपनी boutique के renovation में भी कुछ खर्च लगाया."
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जैसे-जैसे राजवंत वित्तीय स्वतंत्रता की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ रही है, वह हर कदम सावधानी से उठा रही है. बीमारी के साथ उनके अनुभव ने दृष्टिकोण को बदल दिया और उनकी वापसी को सफल बनाने के लिए उनके दृढ़ संकल्प को बढ़ावा भी दिया है.
Mahila Money राजवंत को उनकी यात्रा में समर्थन दे रही है, उसे प्रोत्साहित कर रही है क्योंकि वह निडर होकर एक business women के रूप में अपना जीवन जीने के लिए तत्पर है. साथ में, यह कंपनी उनकी जीत की क्षमता और निरंतर #JiyoApneDumPe भावना से बनाए भविष्य पर विश्वास भी करती है.
इस RavivarVicharXMahilaMoney impact series में, हम राजवंत जैसी अन्य महिलाओं की कहानियां आपके साथ शेयर करते रहेंगे, जो न केवल आगे बढ़ना चाहती है साथ ही अपने सपनों को सच में बदलने के लिए हरसंभव कदम भी उठा रहीं हैं.