जिस उम्र में अक्सर हमें पैसों की समझ नहीं होती, उस उम्र में काशवी जिंदल (Kashvi Jindal) औरों की फाइनेंशियल लिटरेसी (financial literacy) बढ़ाने का काम कर रही है. 17 वर्षीय इंटरप्रेन्योर (young female entrepreneur) काशवी जिंदल आर्थिक संसाधनों (financial resources) से दूर लोगों को वित्तीय साक्षरता तक पहुंच देकर उन्हें योजनाओं और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कर, उन्हें सशक्त बनाने के मिशन पर है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए काशवी ने 'इन्वेस्ट द चेंज' (Invest the Change) की शुरुआत की. COVID-19 महामारी के दौरान श्रमिकों द्वारा सामना किए गए वित्तीय चुनौतियों से प्रेरित होकर, काशवी ने आसान बीमा विकल्पों (easy insurance options) की ज़रूरत को पहचाना.
2022 में कंपनी 'इन्वेस्ट द चेंज' की लॉन्च
काशवी जिंदल बिजनेस से जुड़ी बातें सुनकर बड़ी हुईं. उनके पिता, गौरव जिंदल, हेज फंड (Hedge Fund) को मैनेज करते हैं और अक्सर अपनी बेटी से व्यावसाय और फाइनेंस से जुड़े समाचारों पर चर्चा करते, जिसकी वजह से काशवी इस दिशा में प्रेरित हुई. 2020 में, क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) पर रिसर्च करते हुए, उन्होंने ऐसे कई फाइनेंशियल रिसोर्स के बारे में जाना जो निम्न-आय वर्ग के लोगों के लिए कारगर साबित हो सकते हैं. इस तरह काशवी को 'इन्वेस्ट द चेंज' शुरू करने का आईडिया आया. काफी प्लानिंग और रिसर्च के बाद, 2022 में कंपनी लॉन्च की. 15 वॉलंटियर्स की मदद से अब तक वह 3 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मदद कर चुकी है (financial stability of low income group).
बस चालकों, मजदूरों को वित्तीय साक्षरता हासिल करने में कर रही मदद
वे घरेलू कर्मचारी, बस चालकों और दिहाड़ी मजदूरों को वित्तीय साक्षरता हासिल करने में मदद करती है. उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) और अटल पेंशन योजना जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में उनकी सहायता करती है.
Image Credits: Kashvi Jain
काशवी एक सक्सेस स्टोरी शेयर करते हुए बताती है कि कांता देवी ने इन्वेस्ट द चेंज के वित्तीय साक्षरता सत्र में भाग लेने के बाद बीमा योजना से जुड़ी. जब उनके परिवार को कर्ज का सामना करना पड़ा, तो वे इस योजना से लाभ लेकर क़र्ज़ चुकाने में सक्षम रहीं. इस तरह की कई कहानियां है जब फाइनेंशियल लिटरेसी ने मुसीबत से बचने में मदद की.
फाइनेंशियल रिसोर्सेस तक पहुंचने में कर रही सहायता
पहले कंपनी अपने सेमिनारों में लोगों के साथ फाइनेंस से जुड़ा आसान कंटेंट शेयर करती है. फिर, काशवी अपनी टीम के साथ, लोगों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिए, उन्हें बैंक खाते खोलने और सही फॉर्म भरने में मदद करती है. आखिर में फ़ॉलोअप (followup) लिया जाता है. अब तक टीम हिंदी, अंग्रेजी और बंगाली में सेशंस ले चुकी है.
काशवी अपनी इस पहल के ज़रिये ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचना चाहती है. अपनी इस सामाजिक पहल के ज़रिये, काशवी न सिर्फ़ लड़कियों को सपने पूरे करने का होंसला दे रही है, पर उन लोगों की भी मदद कर रही है जो विकास की दौड़ में पीछे रह जाते हैं.