'सा-धन' बन रहा आर्थिक आज़ादी और महिला सशक्तिकरण का साधन

सा-धन, माइक्रोफाइनेंस और इम्पैक्ट फाइनेंस संस्थानों का एक संघ है. यह संगठन 1999 में शुरू किया गया जो भारत के अलग-अलग राज्यों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने और गरीबी कम करने के लक्ष्य के साथ काम करता है

author-image
मिस्बाह
New Update
Sa Dhan promoting financial inclusion

Image Credits: Sa-Dhan

भारत में चल रही आर्थिक क्रान्ति (financial revolution) को गति देने में माइक्रोफाइनेंस (micro-finance) अहम भूमिका निभा रहे हैं. इन संस्थानों की छोटे ऋण और बचत योजनाओं (small credit and saving schemes) के ज़रिये गरीब और छोटे उद्यमियों को वित्तीय समर्थन (financial support) मिलता है जो उन्हें अपने व्यापार या कृषि के कामों को बढ़ाने में मदद करता है. माइक्रोफाइनेंस संस्थान छोटे उद्यमियों, किसानों, महिलाओं, और गरीब लोगों को वित्तीय सहायता देकर उन्हें आर्थिक आज़ादी (financial freedom) हासिल करने में मदद करते हैं. ऐसा ही एक संसथान है सा-धन (Sa-Dhan) माइक्रोफाइनेंस. 

माइक्रोफाइनेंस और इम्पैक्ट फाइनेंस संस्थानों का संघ है सा-धन

सा-धन (Sa-Dhan), माइक्रोफाइनेंस और इम्पैक्ट फाइनेंस संस्थानों (Impact Finance Institutions) का एक संघ है. यह माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के लिए RBI द्वारा नियुक्त स्व-नियामक संगठन (Self-Regulatory Organization) है. यह संगठन 1999 में शुरू किया गया जो भारत के अलग-अलग राज्यों में वित्तीय

साक्षरता (financial literacy) बढ़ाने और गरीबी कम करने के लक्ष्य के साथ काम करता है (community development finance institutions in India ). सा-धन भारत में सामुदायिक विकास वित्त संस्थानों का पहला और सबसे बड़ा संघ है, जिसका गठन दो दशक पहले भारत में फाइनेंशियल इन्क्लूशन (financial inclusion) को बढ़ावा देने के एजेंडे के साथ शुरू किया गया था. यह नीति निर्माताओं, फंडर्स, बैंकों, सरकारों, और शोधकर्ताओं के बीच माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र की बेहतर समझ पैदा करने का प्रयास करता है. 

NRLM से मिली NSO के रूप में मान्यता 

Sa Dhan promoting financial inclusion

Image Credits: Sa-Dhan

सा-धन के 33 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और 600 से ज़्यादा जिलों में लगभग 220 सदस्य काम करते हैं. इसमें लाभ और गैर-लाभकारी दोनों MFI, SHG को बढ़ावा देने वाले संस्थान, बैंक, रेटिंग एजेंसियां, और कैपेसिटी बिल्डिंग इंस्टीटूशन्स (capacity-building institutions) शामिल हैं. सा-धन के सदस्य लीगल फॉर्म्स और ऑपरेटिंग मॉडल के साथ, ₹1,27,801 करोड़ से ज़्यादा के बकाया ऋण (loan outstanding) वाले लगभग 44 मिलियन ग्राहकों तक पहुंचते हैं. सा-धन को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) द्वारा राष्ट्रीय सहायता संगठन (NSO) के रूप में भी मान्यता दी गई है.

फाइनेंशियल इन्क्लूशन और सस्टनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा दे रहा सा-धन 

Sa Dhan promoting financial inclusion

Image Credits: Sa-Dhan

सा-धन का लक्ष्य इम्पैक्ट फाइनेंसिंग संस्थानों  को मज़बूत करना और बढ़ावा देना है जो समाज में समावेशी विकास, समानता, लैंगिक समानता (gender equality) और सस्टनेबल डेवलपमेंट (sustainable development) को सक्षम बनाता है. इन संस्थानों के ज़रिये महिलाओं के व्यवसायों और छोटे उद्यमियों को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे महिला सशक्तकरण (women empowerment) और आर्थिक आज़ादी के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिल रही है.

FAQs

सा-धन क्या है ?
सा-धन, माइक्रोफाइनेंस और इम्पैक्ट फाइनेंस संस्थानों का एक संघ है. यह माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के लिए RBI द्वारा नियुक्त स्व-नियामक संगठन (Self-Regulatory Organization) है. यह संगठन 1999 में शुरू किया गया जो भारत के अलग-अलग राज्यों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने और गरीबी कम करने के लक्ष्य के साथ काम करता है.
SHG financial literacy आर्थिक आज़ादी NRLM women empowerment Gender Equality Financial Freedom Financial Revolution Financial inclusion MFI small credit and saving schemes financial support Sa-Dhan Self-Regulatory Organization Impact Finance Institutions community development finance institutions in India capacity-building institutions loan outstanding NSO sustainable development महिला सशक्तकरण