स्पोर्ट्स में फर्स्ट, आर्ट्स में क्रिएटिव, मॉडलिंग में क्राउड पुलर, डांस में एनर्जेटिक, और घर में सबकी फेवरेट है सानिया खिमजी (Sania Khimji). 21 साल की सानिया अपने दोस्तों, परिवार, स्कूल, और जानने वालों में 'ऑल राउंडर' (all rounder) के नाम से जानी जाती है. डाउन सिंड्रोम (down syndrome) के साथ जन्मी सानिया को उनकी इस कंडीशन ने सबसे अलग बनाया, पर सब जैसे सपने देखने और उन्हें पूरा करने से कभी नहीं रोका. सानिया जो चाहती है वे जल्दी ही सीख लेती. यूट्यूब देख उसने मेकअप करना, डांस करना और पेंटिंग करना सीखा (Down syndrome influencer). मम्मी या पापा को मोबाइल से जुड़ी कोई भी दिक्कत होती तो 'टेक-सेवी' सानिया उनकी मदद कर देती.
शुरुआत में डाउन सिंड्रोम को समझना था मुश्किल
डाउन सिंड्रोम (Down syndrome) एक ऐसी कंडीशन है जिसमें बच्चा एक्स्ट्रा क्रोमोजोम (extra chromosome) के साथ पैदा होता है. इस वजह से चेहरे की बनावट अलग और बौद्धिक विकलांगता (intellectual disability) होती है, और शारीरिक विकास काफी धीरे होता है. सानिया का जन्म कर्नाटक (Karnataka) के छोटे से शहर हुबली में हुआ. उस समय उनके माता पिता को इस कंडीशन के बारे में काफी कम जानकारी थी. इस कंडीशन को समझने के लिए वे दिल्ली मुंबई तक गए, डॉक्टरों, मनोचिकित्सकों, और डाउन सिंड्रोम (down syndrome artist, model) बच्चों के माता-पिता से मिले. उन्हें सही जानकारी मिली और सानिया को सही परवरिश देने का रास्ता. डाउन सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं, पर स्पेशल एडुकेटर्स और सही परवरिश की मदद से डाउन सिंड्रोम मैनेजमेंट (down syndrome management) में मदद मिल सकती है. उस समय हुबली में स्पेशल स्कूलों (special school) की कमी की वजह से उन्होंने बेंगलुरु शिफ्ट होने का फैसला लिया.
रिया और सानिया का दिन साथ में खेलने, ड्राइंग करने, और शरारत करने में बीत जाता. कई लोग, उसकी बड़ी बहन रिया को 'सानिया की बहन' के नाम से जानते हैं. सानिया 4 भाषाएं जानती है और बॉलीवुड गाने सुनते ही डांस शुरू कर देती है. सानिया की बनाई पेंटिंग्स को नेशनल आर्ट गैलरी, दिल्ली में प्रदर्शित किया गया, और वे अपनी कई पेंटिंग्स को भारत और विदेश में बेच चुकी है. आईटीसी (ITC) होटल बेंगलुरु में आयोजित ब्यूटी पेजेंट में सानिया को 'मिस अद्यात्मा' का ताज पहनाया गया. वे कल्ट स्पोर्ट ब्रांड, क्लियो कॉस्मेटिक्स, अंतरराष्ट्रीय ब्रांड प्रोजेक्ट नाइटफॉल समेत कई ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग (modelling) कर चुकी है. निफ्ट चेन्नई (NIFT Chennai) में रैंप वॉक कर शोस्टॉपर बनी और होटल कॉनराड बेंगलुरु में आयोजित मेट गाला इवेंट का भी हिस्सा रही थी. सानिया के आर्ट को आर्टिस्ट गुज्जरप्पा ने भी पसंद किया और उसकी कला की तारीफ की. सानिया के इंस्टाग्राम अकाउंट (instagram account) पर 5 हज़ार से ज़्यादा फॉलोवर्स हैं.
रविवार विचार (Ravivar Vichar) से बात के दौरान सानिया की मां मुदिता खिमजी कहती है कि, "सानिया के साथ हर कोशिश कामियाब लगती है, क्योंकि सानिया उनके हर प्रयास की सराहना करती है. वे सबको बताती है कि उसकी मम्मी सपोर्ट करती है, पापा बहुत अच्छे हैं, और बहन प्यारी है."
हमेशा करती है बेस्ट देने की कोशिश
सानिया को कुछ नया सीखते रहना, अपना बेस्ट देना, और हमेशा जीतना अच्छा लगता है. तालियों की आवाज़, नए लोगों से तारीफ़, और हाथ में मैडल लेकर सानिया की ख़ुशी सातवे आसमान पर पहुंच जाती है. उसकी बहन रिया उससे बड़ी है, जिस वजह से सानिया को लगता कि वह किसी दौड़ में हार गई, इसलिए वह हमेशा कहती रहती है कि, "तुम बड़ी हो सकती हो, लेकिन अपने पापा के लिए मैं सबसे पहले हूं." सानिया घर में किसी को भी उदास देखती तो समझ जाती और पास बैठकर दोहराती रहती, "मैं तुम्हारे पास हूं, तुम्हारे लिए सब कुछ करूंगी." सानिया अपने परिवार के लिए बहुत सारे पैसे कामना चाहती है और अपने पापा के लिए कार खरीदना चाहती है.
अपनी कला, मासूमियत, और सपने देखने के जज़्बे से सानिया ने दिखाया है कि डाउन सिंड्रोम क्या, कोई भी चुनौती उसे आसमान छूने से नहीं रोक सकती. सानिया की कहानी बताती है कि हमारी क्षमताएं अलग हो सकती है, पर सपने पूरे करने का जज़्बा और अपनी पहचान बनाने की चाह एक जैसी ही है. घर वालों का साथ, अपनों का प्यार, और अवसर मिलें, तो हर इंसान अपनी क़ाबिलियत का इस्तेमाल कर ऊंचाईयां छू सकता है.