रेलवे बोर्ड की पहली महिला CEO और चेयरपर्सन बनी जया वर्मा

1988 बैच की भारतीय रेलवे यातायात सेवा की वरिष्ठ अधिकारी रही जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड की पहली महिला मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष के रूप में चुना गया.

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मिस्बाह
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भारतीय रेल का सफर 1853 में शुरू हुआ, जबकि रेलवे बोर्ड की शुरुआत 1905 में हुई (Indian Railways history). भारतीय रेल के 186 साल के इतिहास में एक ख़ास मोड़ आया. पहली बार रेलवे बोर्ड (Railway Board) की अध्यक्षा के पद पर किसी महिला को चुना गया. 

रेलवे बोर्ड की पहली महिला मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष बनी जया वर्मा सिन्हा

जया वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और CEO बनी (Jaya Verma Sinha appointed CEO). 1988 बैच की भारतीय रेलवे यातायात सेवा की वरिष्ठ अधिकारी रही जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड की पहली महिला मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष के रूप में चुना गया (first female chairman of Indian Railways). जया वर्मा ऐसे समय में यह पद संभालने जा रही है जब केंद्र सरकार ने भारतीय रेलवे के लिए 2.74 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड ब्रेकिंग बजट आवंटित किया है (Indian railways budget). 

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रेलवे के कंप्यूटराइजेशन में निभाई अहम भूमिका 

तकनीक के इस दौर में जया वर्मा सिन्हा ने रेलवे के क्षेत्र में कंप्यूटराइजेशन (computerisation in railways) लाने में अहम भूमिका निभाई. रेलवे में कंप्यूटराइजेशन को बढ़ावा देने के लिए क्रिस (CRIS - Centre for Railway Information Systems) शुरू किया. साथ ही रेलवे के फ्रेट ऑपरेशन इंफोर्मेशन सिस्टम (FOIS) को बेहतर बनाने में भी योगदान दिया.

बालासोर हादसे के दौरान जाया वर्मा ने मीडिया और रेलवे के बीच पुल की तरह काम किया था (balasore train accident). रेलवे की ओर से बतौर संचालन और व्यवसाय विकास सदस्य उन्होंने मीडिया से बातचीत कर जटिल सिग्नल सिस्टम के बारे में गहराई से समझाया था (Jaya Verma Sinha work in Hindi). 

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ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार रह चुकी है जया 

जया वर्मा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी की (Jaya Verma education). जया वर्मा ने उस समय आईआरटीएस (IRTS) को चुना जब इस सर्विस में महिलाओं की गिनती न के बराबर थी. रेलवे में ज़्यादातर महिलाएं इंडियन रेलवे अकाउंट सर्विस (ARAS) या इंडियन रेलवे पर्सनल सर्विस (IRPS) चुना करती थीं, क्योंकि इनमें फील्ड जॉब नहीं होती थी. लेकिन जया वर्मा को कम्फर्ट ज़ोन से निकलना था. भरी दोपहरी ट्रैक पर मोटर ट्रॉली में ड्यूटी करने से लेकर ट्रेन ऑपरेशन में सुबह चार बजे पोजिशन संभालने और दूसरे डिपार्टमेंट से को-ओर्डिनेट करने तक, उन्होंने हर काम को बखूबी संभाला.

बांग्लादेश (Bangladesh) के ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission in Dhaka) में चार साल तक जया रेलवे सलाहकार के रूप में भी काम कर चुकी है (Jaya Verma Experience). इस दौरान कोलकाता से ढाका (Kolkata to Dhaka) तक मैत्री एक्सप्रेस (Maitree Express train) का उद्घाटन किया गया था. वह पूर्वी रेलवे, सियालदह डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक के रूप में काम करने का भी अनुभव रखती है.

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जया वर्मा का चुनाव महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की दिशा में हो रही प्रगति की मिसाल है. उन्होंने लड़कियों और महिलाओं को इस  मेल-डोमिनेटेड फील्ड में मेहनत कर अपनी पहचान बनाने  के लिए प्रेरित किया. 

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