जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुक्सान दिन-ब-दिन रफ़्तार पकड़ रहे हैं. इस बीच न सिर्फ ग्लोबल लीडर्स, लेकिन स्थानीय एक्टिविस्ट्स भी बढ़-चढ़कर क्लाइमेट चेंज चुनौतियों से निपटने में अपन योगदान दे रहे हैं. ऐसी ही एक युवा भारतीय एक्टिविस्ट (women as climate change activists) है Licypriya Kangujam.
Manipur की Licypriya Kangujam ने COP28 में उठाई तख़्ती
Manipur की Licypriya Kangujam सिर्फ12 साल की है और ग्लोबल लेवल पर सबसे कम उम्र की क्लाइमेट एक्टिविस्ट में से एक हैं. Licypriya Kangujam एक बार फिर चर्चा में तब आई, जब दुबई में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन 2023 (COP28) के मंच पर पहुंच उसने अपनी आवाज़ बुलंद की.
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लेकिन, यह पहली बार नहीं है जब वह जलवायु परिवर्तन पर किसी सम्मेलन में शामिल हुई हैं. मणिपुर की यह युवा लड़की 2019 में मैड्रिड में आयोजित सम्मेलन का भी हिस्सा रह चुकी है.
हाथ में तख्ती लिए हुए मंच पर चढ़ी, जिस पर लिखा था, "End fossil fuels. Save our planet and our future" (फॉसिल फ्यूल समाप्त करें. हमारे ग्रह और हमारे भविष्य को बचाएं). तख्ती को आत्मविश्वास के साथ दोनों हाथों से ऊपर उठाए उसने Fossil Fuel के इस्तेमाल के विरोध में भाषण दिया.
COP28 Director-General Ambassador से मिली सराहना
COP28 के महानिदेशक राजदूत माजिद अल सुवेदी ने उसकी हिम्मत को सराहा, और वहां मौजूद दर्शकों को ताली बजाने के लिए प्रोत्साहित किया. लेकिन, इवेंट को क्रैश करने के लिए उसे बाहर ले जाया गया.
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Climate activist Licypriya Kangujam ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X' (Previously known as twitter) पर पोस्ट किया और बताया, "इस विरोध के बाद मुझे 30 मिनट से ज़्यादा समय तक हिरासत में रखा. मेरा एकमात्र अपराध- fossil fuel के इस्तेमाल को ख़त्म करवाना है, जो आज जलवायु संकट की मुख्य वजह है. उन्होंने मुझे COP28 से बाहर निकाल दिया."
Fossil Fuel इस्तेमाल को ख़त्म करने पर दिया ज़ोर
Fossil Fuel को ख़त्म करने के मुद्दे पर COP28 में अहम चर्चा हो रही है, जिसमें लगभग 200 देश शामिल हैं जो इसका हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं. 190 देशों के लगभग 60,000 प्रतिनिधि इस साल दुबई में हुए जलवायु सम्मेलन का हिस्सा भी हैं.
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'एक्स' पर एक और पोस्ट में Licypriya Kangujam ने लिखा, "Fossil Fuel के विरोध के लिए मेरा बैज सीज़ करने की क्या वजह है? अगर आप फॉसिल फ्यूल के ख़िलाफ़ खड़े हैं, तो आपको मेरा समर्थन करना चाहिए. तुरंत मेरा बैज रिलीज़ करें. यह संयुक्त राष्ट्र परिसर में बाल अधिकारों का उल्लंघन और दुरुपयोग है, जो संयुक्त राष्ट्र के नियमों के खिलाफ है. मुझे संयुक्त राष्ट्र में अपनी आवाज़ उठाने का अधिकार है."
Licypriya Kangujam कौन है?
लिसिप्रिया का जन्म 2 अक्टबूर 2011 को बाशिखोंग, मणिपुर में हुआ. सात साल की उम्र से, वह climate change और disaster risk reduction से निपटने के लिए अपनी आवाज़ उठा रही है.
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अपने एक्टिविज्म को बढ़ावा देने के लिए लिसिप्रिया ने 'child movement' शुरू किया. वह 2019 में स्पेन में आयोजित संयुक्त राष्ट्र क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस (COP25) में विश्व नेताओं को संबोधित कर चुकी हैं.
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भारत में Climate Change Law के लिए भी उठाई आवाज़
लिसिप्रिया ने climate activist Greta Thunberg से प्रेरणा हासिल की. 21 जून, 2019 को लिसिप्रिया ने भारत में 'Climate Change Law' लाने के लिए संसद भवन के बाहर एक सप्ताह बिताया था.
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Climate Change से निपटने के लिए उनके एक्टिविज्म को ग्लोबल लेवल पर पहचान मिली है. लिसिप्रिया को कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है. साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार और राइजिंग स्टार ऑफ अर्थ डे नेटवर्क, 2020 में ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी अवार्ड और TN खुशू मेमोरियल अवार्ड, 2021 में Forbes 30 अंडर 30 में स्पेशल मेंशन और दिल्ली सरकार से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस अवॉर्ड मिला है.
Licypriya Kangujam अपनी उम्र की लड़कियों को लीडरशिप रोल चुनने और क्लाइमेट चेंज से हो रहे नुक्सान को कम करने के लिए प्रेरित कर रही है.
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