जब जलवायु चुनौतियों से निपटने की बात आती है तो हम समाधान के लिए अक्सर शहरों और ग्लोबल लीडर्स की ओर ध्यान केंद्रित करते हैं. भारत में क्लाइमेट चेंज से हो रहे नुक्सानों (climate change challenges in india) से निपटने के लिए ग्रामीण समुदायों, ख़ासकर ग्रामीण महिलाओं की समझ और कौशल को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.
प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में ग्रामीण महिलाएं निभा रहीं अहम भूमिका
ग्रामीण महिलाएं पीढ़ियों से प्रकृति के साथ निकटता से रहती और काम करती आई हैं. वे बदलते मौसम को समझने और उसके अनुरूप ढलने में एक्सपर्ट बन गई हैं. वे असहाय पीड़ित नहीं हैं, बल्कि अपने आप में मजबूत लीडर और क्रांतिकारी हैं. वॉटर मैनेजमेंट से लेकर कृषि में योगदान देने और प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल से लेकर प्रबंधन तक- ग्रामीण महिलाएं अहम भूमिका निभा रही हैं (role of rural women in preventing climate change).
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देशभर में, प्रकृति पर महिलाओं की निर्भरता की वजह से वह ग्लोबल वार्मिंग (global warming) की वजह से हो रहे बदलावों को समझती हैं. उनके पास इससे निपटने के तरीके भी है. ओडिशा में महिलाएं पारंपरिक फसलें वापस ले आई हैं जो बाढ़ और सूखे से ख़त्म हो गई थीं. महाराष्ट्र के नागपुर में महिलाएं सूखी भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए स्थानीय तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं. तेलंगाना में, वे देशी बीजों को जलवायु परिवर्तन की वजह से विलुप्त होने से बचा रही हैं.
वेस्ट मैनेजमेंट प्रैक्टिसेज को लागू कर रहीं ग्रामीण महिलाएं
कर्नाटक के तटों पर, मछुआरी महिलाएं सतत रूप से मछली पकड़ने और समुद्री जीवन की रक्षा के प्रयासों का नेतृत्व कर रही हैं. वे समुद्र के बढ़ते स्तर और चक्रवातों से बचने के लिए मैंग्रोव उगाने का भी काम कर रही हैं.
ग्रामीण महिलाएं वेस्ट मैनेजमेंट (waste management) में भी उत्कृष्ट हैं. वे कचरे को कम करने, दोबारा इस्तेमाल करने, रीसायकल करने, और सही ढंग से वेस्ट मैनेजमेंट प्रैक्टिसेज को लागू करने में अहम योगदान दे रही हैं.
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पश्चिमी घाट में, महिला किसान (women farmers) इंटरक्रॉपिंग का तरीका अपनाकर मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ, फसल की उपज भी बढ़ा रही हैं.
2050 तक Climate Change की वजह से 15.8 करोड़ महिलाएं होंगी प्रभावित !
ग्रामीण Climate Warriors दूर कर रहीं Climate Change चुनौतियां
ये महिलाएं सिर्फ स्थानीय लीडर नहीं हैं; वे अपने समुदायों में महत्वपूर्ण निर्णयों को प्रभावित कर रही हैं. उनके पास ज्ञान, कौशल, और अनुभव है, जो जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में ज़रूरी है.
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ग्रामीण भारत में जलवायु परिवर्तन और महिलाओं के अधिकारों के बीच संबंध को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के लिए लोग अक्सर प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करते हैं. क्लाइमेट चेंज की वजह से उनकी आमदनी पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इस चुनौती से निपटने के लिए जलवायु योजनाओं को बनाने और लागू करने में सभी को शामिल करना ज़रूरी है.