प्रमिला जयपाल (Pramila Jayapal) वह नाम है जो संयुक्त राज्य अमेरिका (America) में प्रगतिशील राजनीति (progressive politics) और वकालत का पर्याय बना. 21 सितंबर 1965 को जन्मी प्रमिला ने 2017 से वॉशिंगटन की 7वी कांग्रेस डिस्ट्रिक्ट (U.S. representative from Washington's 7th congressional district) से अमेरिकी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए, उन्होंने अपने जिले और राष्ट्र दोनों पर अमित छाप छोड़ी है.
सिविल राइट्स एक्टिविस्ट ने राजनीति में रखा क़दम
जयपाल का जन्म भारत के चेन्नई (Pramila Jayapal birth place India) में एक तमिल परिवार में हुआ. उनका बचपन इंडोनेशिया (Indonesia) और सिंगापुर (Singapore) में बीता. वह 1982 में 16 साल की उम्र में कॉलेज जाने के लिए अमेरिका आ गईं. और वहां से शुरू हुआ उनका अपनी पहचान बनाने का सफ़र.
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डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) की समर्पित सदस्य बनने तक की उनकी यात्रा कई उपलब्धियों और उल्लेखनीय पहलों से चिह्नित है.चुनावी राजनीति में प्रवेश से पहले, प्रमिला जयपाल सिएटल (Seattle) में स्थित एक नागरिक अधिकार कार्यकर्ता (civil rights activist) थीं. उन्होंने 2012 तक प्रो-इमिग्रेंट एडवोकेसी ग्रुप (pro-immigrant advocacy group), वनअमेरिका की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में कार्य किया.
इमीग्रेशन सेवाओं में बदलाव लाने के लिए की आवाज़ बुलंद
हेट फ्री ज़ोन (Hate Free Zone) नामक संगठन की स्थापना 11 सितंबर के हमलों (September 11 attacks) के बाद जयपाल ने की थी. उनके काम में नए अमेरिकी नागरिकों (American citizens) को वोट देने के लिए रजिस्टर करना और इमीग्रेशन सुधार (immigration reform) के लिए पैरवी करना शामिल था. वनअमेरिका (OneAmerica) ने देश भर में हजारों सोमालिस के डेपोर्टेशन (Somalis deportation) को रोकने के लिए बुश प्रशासन (Bush Administration) की इमीग्रेशन और न्यूट्रलाइसेशन सेवाओं पर सफलतापूर्वक मुकदमा दायर किया.
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सामाजिक न्याय (social justice) के प्रति जयपाल के लगातार प्रयासों की वजह से वह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में सेवा देने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला (first Indian-American woman to serve in the U.S. House of Representatives) बन गईं. इसके अलावा, वह फ़ेडरल लेवल पर वॉशिंगटन का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली एशियाई अमेरिकी है. उन्होंने 37वें लेजिस्लेटिव डिस्ट्रिक्ट में कांग्रेस की पहली महिला सदस्य के रूप में इतिहास रचा (37th legislative district's first female member of Congress).
उठाये एनवायर्नमेंटल, हेल्थकेयर और इमीग्रेशन से जुड़े मुद्दों
पब्लिक सर्विस (public service) के लिए उनका समर्पण सिर्फ एक्टिविज्म (activism) तक सीमित नहीं रहा. जयपाल ने 2015 में वॉशिंगटन (washington) के राज्य सीनेट (Washington's State Senate) में प्रवेश किया, जहां उन्होंने महिलाओं और पीपल ऑफ़ कलर (women and people of colour) को टारगेट करने वाले प्री-अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम (pre-apprenticeship program) को संचालित करने के लिए वॉशिंगटन राज्य परिवहन विभाग को निर्देश देने जैसे मुद्दों का समर्थन किया. उन्होंने हजारों पुलिस विभाग बलात्कार किटों का परीक्षण और ट्रैक करने के लिए ज़रूरी कानूनों को को- स्पॉन्सर किया.
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कांग्रेस में जयपाल ट्रांसपेरेंसी (transparency), एनवायर्नमेंटल जस्टिस (environmental justice), यूनिवर्सल हेल्थकेयर (universal healthcare) और इमीग्रेशन रिफॉर्म (immigration reform) से जुड़े मुद्दों को उठाने वाली मज़बूत आवाज़ रही है. उन्होंने मेडिकेयर फॉर ऑल एक्ट (Medicare for All Act) को स्पॉन्सर किया और सरकारी जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए ट्रम्प ट्रांसपेरेंसी पैकेज पेश किया.
लिंगभेद (sexism) और चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, प्रमिला जयपाल (about Pramila Jayapal in Hindi) अमेरिकी राजनीति में एक शक्तिशाली और प्रभावशाली आवाज बनकर उभरी है. प्रगतिशील मूल्यों (progressive values) के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और अपने मतदाताओं के प्रति उनके समर्पण ने राजनीति को आकार दिया, जिससे वह सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन (social and political change) की लड़ाई में अहम नाम बन गई.