लोगों के घरों में उजाले के साथ समूह में खुशियों का उजाला

देवास में आजीविका मेले में लगाए हर स्टॉल पर ग्राहकों की भीड़ है. मेले में SHG के सदस्यों के चेहरे पर चमक और कॉन्फिडेंस झलकता देख सकते हैं. मेले में आई हर महिला और समूह की अपनी कहानी है.

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देवास जिले में SGH मेले में लगाए गए स्टॉल्स (Image Credits: Ravivar Vichar)

देवास (Dewas) में आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) द्वारा लगाए गए मेले (Mela) में गज़ब की चहल-पहल है. इस मेले में शामिल हुई जामगोद गांव की नारी शक्ति समूह (SHG) की चांद बी कहती हैं- "मैं समूह से जुड़ी. सीरीज़ (Fairy Lights) बनाना शुरू किया. जैसे घरों में यह सीरीज़ उजाला कर रही, वैसे ही इसकी कमाई से मेरे घर में खुशियों का उजाला हो गया."

हुनर के स्टॉल में महिलाओं का कॉन्फिडेंस   

देवास के मल्हार वाटिका में लगे इस मेले में 15  से ज्यादा स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) 150 से ज्यादा महिलाएं उत्साह से स्टॉल की कमान सभाल रहीं. अपने हुनर से महिलाओं में कॉन्फिडेंस दिखा. तीन दिनों के इस मेले में कई हैंडमेड प्रोडक्ट्स रखे गए.

नोडल ऑफिसर जिला प्रबंधक(DM) सामुदायिक विकास सुमन जायसवाल बताती हैं- "इस मेले में समूह ने स्टॉल्स में हाइजेनिक फूड्स, मिट्टी के बर्तन व सजावटी समान, लेदर के पर्स, बुटीक, वर्मी कंपोज़्ड खाद, फैरी लाइट्स, सीप और लाख की चूड़ियां और कंगन और जूलरी सहित कई आइटम्स रखे गए. लोकल मार्केट के व्यापारी और बाहर से भी खरीदार आए."

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मेले में समूह ने मिट्टी के बर्तन भी रखे (Image Credits: Ravivar Vichar) 

मार्केटिंग स्किल्स पर ख़ास फोकस 

इस मेले में समूह की सदस्यों को मार्केटिंग स्किल्स पर ख़ास फोकस किया. सोनकच्छ ब्लॉक के एनाबाद गांव की अनीता गोस्वामी ने बताया- "हमारे समूह ने 20 बैग्स लिए. वर्मी कंपोज़्ड खाद तैयार की. एक हजार क्विंटल यह खाद बेचा. एक सीज़न में ही 40 क्विंटल खाद बेच दिया. हमें 30 हजार रुपए का फायदा हुआ." चूड़ियां और जूलरी के साथ दूसरे स्टॉल्स पर भी लोगों ने इंट्रेस्ट दिखाया.

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SHG मेले में शहनाई वादन करते कलाकार (Image Credits: Ravivar Vichar)

आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) की जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) शीला शुक्ला (Sheela Shukla) कहती हैं- "जिले में समूह को इस मेले में कई तरह के अवसर और सुविधा का ध्यान रखा गया. सभी छह ब्लॉक के समूह शामिल हुए. समूह की सदस्यों के लिए भजन, शहनाई वादन जैसे मनोरंजन की व्यवस्था रखी गई. हमारा यह मेला सफल रहा."

लोकल मार्केट भी हुआ अट्रेक्ट 

देवास (Dewas) जिले के समूह को उसके भौगोलिक स्थिति का फायदा भी मिला.

जिला पंचायत (ZP) के CEO हिमांशु प्रजापति (Himanshu Prajapati) कहते हैं- "इस जिले अधिकांश समूह अच्छा काम कर रहे.  शहर सीमा से जुड़े होने से लोकल मार्केट और लिंकेज फायदा मिल रहा. अधिकांश समूह के प्रोडक्ट्स रुरल बेस होने से सावन, गणेश चतुर्थी जैसे फेस्टिवल पर स्टॉल्स और मेला लगते हैं. इसका फायदा समूह को अधिक इनकम जनरेट करने में मिलता है."

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जिला पंचायत CEO हिमांशु प्रजापति 

इस मेले को लेकर जिला प्रशासन ने ख़ास प्रमोट किया.

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कलेक्टर ऋषव गुप्ता   

जिला कलेक्टर (DM) ऋषव गुप्ता (Rishav Gupta) कहते हैं- "जिले के समूह बहुत एक्टिव हैं. अपने पैरों पर खड़े होने के लिए नवाचार की पहचान बन रहीं. मेन्युफेक्चरिंग में चाहे वाशिंग पॉवडर, फिनाइल हो,जूलरी हो या उत्सवों पर लगाने वाली लाइट्स. यहां तक कि कंट्रोल शॉप्स और उपार्जन केंद्रों की कमान भी समूह ने संभाली. यह देवास की ख़ास उपलब्धि है. इन्हे और ट्रेनिंग दी जाएगी."                                                    

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