आगर-मालवा (Agar-Malwa)में आजीविका मिशन से जुड़े Self Help Group की सदस्यों ने हिस्सा लिया. समूह द्वारा तैयार प्रोडक्ट्स (Products) को प्रदर्शित किया गया. इस आयोजन में महिलाओं का आत्मविश्वास और बढ़ गया. इस मेले में 43 समूह अपने उत्पाद लेकर आए. जिला पंचायत और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने इनका हौसला बढ़ाया.
शहद से सजावटी आइटम्स तक
तीन दिन के लिए आयोजित मेले में कई ब्लॉक के समूह आए. समूह की सदस्यों ने शहद से लगाकर सजावटी आइटम्स तक प्रदर्शित किए. मेले में शामिल रामपुर भुंडवास के जय हनुमान समूह (SHG) की अध्यक्ष रुखमा बाई कहती हैं- "यह मेला हमारे लिए वरदान है. इसमें कई बहार से आए लोगों को भी हमारा बनाया सामान दिखा पाए. हमें मार्केटिंग को लेकर भी नए तरीके सिखाए."
आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) संजय सक्सेना ने बताया- "मिशन का मकसद मेले के जरिए समूह को मंच देना है. इससे उनको मार्केटिंग सीखने को मिलेगी. उनके सामान का प्रचार भी होगा. यहां समूह की सदस्यों को प्रोत्साहित किया जा रहा."
इस मेले में अगरबत्ती निर्माण यूनिट, आटा पैकेजिंग, सजावटी बुनाई का आइटम्स भी रखे.
आगर-मालवा में लगाए गए मेले में समूह सदस्य शामिल हुए. (Photo Credits : Love Kush, Agar-Malwa )
बाज़ार तक पहुंच रहा प्रोडक्ट्स
जिले में बनने वाले प्रोडक्ट्स की मांग लोकल बाज़ार तक पहुंच गई. आगर में तैयार हो रही शहद और क्रोशिया बुनाई के हैंडीक्राफ्ट्स आइटम्स को पसंद किया जा रहा. इस मेले में शामिल हुईं जिला पंचायत (ZP) की सीईओ (CEO) हरसिमरन प्रीत कौर (Harsimaran Preet Kaur)कहती हैं- "यह बड़ी उपलब्धि है कि गांव की घरेलु महिला का आत्मविश्वास बढ़ा. जिले के समूह की महिलाओं को सरल तरीके से मार्केटिंग सिखाई जा रही. भविष्य में राज्य और राष्ट्रीय मेलों और प्रदर्शनी में भी अच्छे समूहों को भेजा जाएगा."
सीईओ (CEO) हरसिमरन कौर (Harsimaran Preet Kaur) ने प्रदर्शनी में सभी समूहों की महिलाओं से बात की. उनका हौसला बढ़ाया. मेले के शुभारंभ में शामिल कौर ने समूह की सदस्य को सम्मान देकर अथिति के रूप में शामिल किया.