स्वयं सहायत समूह (Self Help Group women) की महिलाओं को जब CSR का समर्थन मिलता है, तो वह न सिर्फ अपने सपनें पूरे करती हैं, बल्कि अपने समुदायों के विकास का नेतृत्व करने में सशक्त भी बन जाती है. कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया अंबुजा सीमेंट्स के CSR से जुड़ी तीजा देवी ने.
SHG सदस्य तीजा देवी को किया सम्मानित
प्रमुख अदानी समूह (Adani Group CSR) की सीमेंट और बिल्डिंग मटेरियल कंपनी, अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements CSR sctivities), ने अपनी कम्युनिटी बिल्डिंग पहल के तहत 'तुलसी महिला समूह' की सदस्य, तीजा देवी को सम्मानित किया. तीजा देवी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अपने साफा बनाने के कौशल का इस्तेमाल किया और अपने समुदाय के विकास को नई दिशा दी.
तीजा देवी का परिवार पारंपरिक साफा बनाने का काम करता था, लेकिन उनकी आय जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं थी. इस कला को उद्यम में बदलकर इसे नई ऊंचाइयां देने का संकल्प लिया. अंबुजा सीमेंट्स CSR के समर्थन से अपने काम को सफल बनाया और परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारा.
SHG से जुड़ तीजा देवी ने किया पारम्परिक साफा व्यवसाय का विस्तार
तीजा देवी अंबुजा सीमेंट्स के CSR की मदद से 'तुलसी महिला समूह' की सदस्य बनीं (CSR supporting SHG women). कई चुनौतियों को पार करते हुए, उन्होंने साफा बनाने की कला में महारत हासिल की, जिसे लंबे समय से पारंपरिक रूप से पुरुषों द्वारा किया जाता था. अपने साफा बनाने के कौशल को निखारने के अलावा, उन्होंने SHG बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लिया, जहां उन्होंने अपने परिवार के व्यवसाय का विस्तार करने के लिए ज़रूरी कौशल सीखे.
SHG और स्थानीय बैंक से वित्तीय सहायता लेकर, वह व्यापार को नई ऊंचाई पर ले गई. उनकी उपलब्धियों ने गांव की अनगिनत महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने और आर्थिक आज़ादी हासिल करने के लिए प्रेरित किया. लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए, तीजा देवी वर्तमान में साफा बनाने की कला में युवा लड़कियों और महिलाओं को सलाह और प्रशिक्षण दे रही हैं, ताकि सशक्तिकरण की उनकी विरासत आगे बढ़ती रहे.
तीजा देवी के साथ महिलाएं बन रहीं सशक्त
तीजा देवी के सफल सफ़र ने महिलाओं को लैंगिक चुनौती को दूर करने और दृढ़ता के साथ अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए न सिर्फ प्रेरित किया, पर उनका साथ भी दिया.
अंबुजा सीमेंट्स अपनी CSR पहल के ज़रिये SHG (तुलसी महिला समूह) का समर्थन कर महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता (gender equality) को बढ़ावा देता है. तीजा देवी की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सही दिशा में समर्थन पाकर महिलाएं क्या कुछ नहीं कर सकती.