बास्केटबॉल कोर्ट की ऊंची छलांग से आसमान छूती अनीता पॉलदुरई

पद्मश्री अवॉर्डी अनीता पॉलदुरई नौ एशियन बास्केटबॉल कन्फेडरशन (ABC) खेलने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी है. अनीता ने नेशनल चैंपियनशिप के 30 पदक भी अपने नाम किये है.

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हेमा वाजपेयी
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Anita paul Durai

Image Credits : Wikipedia

बास्केटबॉल खिलाड़ी अनीता पॉलदुरई को किया गया पद्मश्री से सम्मानित 

किसी की भी ज़बान पर जब भारतीय महिला बास्केटबॉल खिलाड़ी का नाम आता है, तो बात बिना अनीता पॉलदुरई का जिक्र किये खत्म ही नहीं हो सकती. अनीता पॉलदुरई (Anitha Pauldurai) भारतीय महिला राष्ट्रीय बास्केटबॉल टीम (Women National Basketball Team) की पूर्व कप्तान रहीं. उन्होंने 18 वर्षों तक भारतीय टीम के लिए खेला. अनीता नौ एशियाई गेम्स में खेलने वाली पहली और एकमात्र महिला हैं. वह बास्केटबॉल परिसंघ (ABC) चैंपियनशिप में लगातार राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व कर रहीं हैं. 26 जनवरी 2021 के दिन अनीता को पद्मश्री (Padmashree Award) से सम्मानित किया गया. लेकिन उन्हें उनके अठारह साल के करियर में उन्हें अर्जुन पुरष्कार (Arjun Award) नहीं दिया गया, जो की खिलाड़ियों में भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान माना जाता है. 

अनीता तमिलनाडु (Tamil Nadu) के चेन्नई (Chennai) शहर की रहने वाली हैं. उन्होंने 11 साल की उम्र से ही बास्केटबॉल खेलना शुरू किया. अनीता के खेल का  सफर की शुरुआत बॉलीबाल से हुई, फिर उन्होंने एथलेटिक्स में कल्पना की उड़ान भरी और आखिरकार अंत में बास्केटबॉल को चुना. उन्होंने अपने खेल के करियर की शुरआत चेन्नई के राईजिंग स्टार क्लब से की. अनीता ने क्लब की तरफ से खेलकर अपनी पहचान बनाई और इसी दौरान उन्हें राष्ट्रीय नेशनल टीम में शामिल कर लिया गया. उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप (National Championship) में 30 से अधिक पदक जीते हैं. 

अपने करियर के दौरान उन्होंने भारत के लिए कई उपलब्धियां हासिल की,  2001 में जब भारतीय बास्केटबॉल टीम बनाई गई, तब  उन्हें टीम में शामिल किया गया. 19 साल की उम्र में वह टीम का कप्तान बनी और भारत की सबसे काम उम्र की कप्तान बनने का गौरव प्राप्त किया. साल 2009 वियतनाम (Vietnam) में, एशियाई इंडोर खेलों में,उन्होंने भारतीय टीम का नेतृत्व कर रजत पदक जीता. साल 2011 श्रीलंका में दक्षिण एशियाई बीच खेलों गेम्स में, उन्होंने देश को स्वर्ण पदक दिलाया. 

गर्भावस्था और प्रसव के कारण, साल 2015 में वह गेम्स से दूर रहीं, लेकिन उन्होंने प्रेरणादायक स्टार खिलाड़ी के रूप में 2017 में फिर वापसी की और भारत को डिवीज़न B FIBA महिला एशिया कप (Women Asia Cup)  में विजय के लिए बढ़त दिलाई. इसके बाद उन्होंने संन्यास ले लिया और भारतीय अंडर-16 टीम की कोच बनी. अनीता के मार्गदर्शन में, टीम ने साल 2017 में  FIBA UNDER 16 महिला एशियाई चैंपियनशिप (Women Asia Championship) के डिवीज़न B का ख़िताब अपने नाम किया. 

पद्मश्री पुरष्कार अनीता के जीवन में, उनके खेल के सफर को महत्वपूर्ण उपलब्धियों को समर्थन करता है और उनके योगदान को देश की तरफ से सम्मानित करता है. अनीता बास्केटबॉल गेम को बढ़ाने और इसकी समस्यायों के बारे में भी खुलकर बात रखती हैं. उनके अनुभवों से पता चलता हैं कि लड़कियों को समान अवसर मिलने चाहिए, उन्हें आज़ादी और सुरक्षा का माहौल मिलना जरूरी हैं. अनीता को साल 2018 में तमिलनाडु सरकार (Tamilnadu Government) ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (Lifetime Achievement Award) से सम्मानित किया था. 

अनीता ने अपने खेल के जज़्बे के साथ, ऐसे खेल में करियर बनाया, जिसे हमारे देश के कई हिस्सों में स्कूल लेवल तक का खेल समझा जाता हैं. उनके जीवन में बाधाएं आई पर उन्होंने हार नहीं मानी और खेल का साथ नहीं छोड़ा. अनीता ने अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता से महत्वपूर्ण पहचान बनाई है ओर अन्य लड़कियों के लिए भी प्रेरणा बनी है.

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