पर्यटन को बढ़ावा देने, पलायन को रोकने और महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को रोजगार दिलाने के लिए उत्तराखंड में होमस्टे योजना (Uttarakhand Homestay Scheme) की शुरुआत की गई. साल 2020 में सरकार ने इस होमस्टे कॉन्सेप्ट (Homestay Concept) को शुरू किया था. योजना के पहले चरण में पांच होमस्टे का निर्माण सरकार ने कराया.
होमस्टे का संचालन कर रहीं SHG महिलाएं
इन्हीं में से एक होमस्टे बासा खिर्सू (BASA Homestay Khirsu) का संचालन स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कर रही हैं. पहाड़ों में बने इस होमस्टे को पर्यटक काफी पसंद करते हैं. अक्टूबर से जनवरी और अप्रैल से जून में बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचकर, वादियों के साथ यहां के कल्चर से भी रूबरू होते हैं. यहां के पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद भी चखते हैं.
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स्थानीय उत्पादों को मिल रहा बढ़ावा
होमस्टे खिर्सू (Homestay in Khirsu) में Self Help Groups की महिलाएं (SHG women) पर्यटकों के लिए ब्रेकफास्ट और डिनर के लिए पहाड़ी भोजन तैयार करती हैं. इससे उन्हें रोजगार के साथ स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए बाजार भी मिल रहा है. एसएचजी महिलाएं अपने बनाए हुए हैंडमेड प्रोडक्ट्स (SHG women handmade products) पर्यटकों को बेच कर अपनी आजीविका चला रही हैं. इससे स्थानीय उत्पादों को भी पहचान मिली है.
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क्यों खास है खिर्सू पहाड़ी पर्यटन स्थल ?
उत्तराखंड का खिर्सू शहर चीड़ (pine) और देवदार (deodar) के पेड़ों से घिरा हुआ है. यह ख़ूबसूरत पहाड़ी 1900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. नदियां, जंगल, पहाड़, झरने और बागीचे - खिर्सू हिल स्टेशन (Khirsu Hill Station) की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगाते हैं.
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इस तरह की पहल राज्य में पर्यटन (Uttarakhand Tourism) के साथ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण (Women Economic Empowerment) को बढ़ावा दे रही है. इससे SHG ग्रामीण महिलाएं (SHG Rural Women) समाज में अपनी नई पहचान बना रही हैं.