रक्षाबंधन (Rakshabandhan) के त्योहार पर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी शहर में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पाइन की पत्तियों से राखी (rakhi made with pine leaves) बनाकर बेच रही हैं. नैना आर्ट नाम से Self Help Groups का संचालन करने वाली संतोष सचदेवा साल 1996 से आर्ट एंड क्राफ्ट (Art and Craft) पर काम कर रही है. पाइन को हिंदी (pine meaning in hindi) में चीड़ या देवदार भी कहते है.
SHG महिलाएं चीड़ की पत्तियों से बना रहीं राखी
महिला SHG अलग-अलग डिज़ाइन की राखी (designer rakhi) बनाकर अपने हुनर को निखार रही हैं. उनके द्वारा बनाए हुए उत्पादों को लोग काफी पसंद कर रहे हैं. इसी लोकप्रियता के चलते, उन्हें निफ्ट कांगड़ा और लक्कड़ बाजार से चीड़ की पत्तियों से राखी बनाने का ऑर्डर मिला. संतोष ने बताया कि अभी तक निफ्ट कांगड़ा को 200 और शिमला (Shimla) में 2500 राखियां भेजीं हैं.
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राखी में रुद्राक्ष का कर रहीं इस्तेमाल
संतोष ने इन राखियों (rakhi 2023) को बेचने के लिए प्रशासन से मदद ली. उनकी राखी (Rakhi) की बिक्री बढ़ी है. यह राखियां पाइन के पत्तों, रेशम के धागे और रक्षा सूत्र से बनाई जाएगी साथ ही उसमे रुद्राक्ष (Rudraksha) का भी इस्तेमाल किया गया है.
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सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं (SHG Women) रुद्राछ वाली राखी पचास रूपए और नार्मल राखी तीस रूपए में बेच रहीं हैं. महिलाएं के पास रोजगार होने से वह आत्मनिर्भर हो रही हैं. SHG महिलाएं पर्यावरण के प्रति भी लोगों में जागरूकता फैला रही हैं.