समाज को इन्क्लूसिव स्पेस बनाने और जस्टिस जैसे फंडामेंटल राइट (fundamental right of justice) के लिए कई महिला लॉयर्स (female lawyers) ने समाज की रूढ़ियों को चुनौती देते हुए लॉ की फील्ड में अपना करियर बनाया है. ऐसी ही एक वकील है ज़िया मोदी (Zia Mody), जिन्हें कॉर्पोरेट लॉ की फील्ड में पायनीयर माना जाता है (woman lawyer in corporate law field). उनकी फर्म एज़ेडबी एंड पार्टनर्स (firm AZB & Partners) ने मर्जर्स और एक्वीज़ीशन के लिए टॉप लॉ फर्मों में पहली पोज़िशन हासिल की है (top law firms in India). प्रसिद्ध भारतीय जूरिस्ट और पूर्व अटॉर्नी जनरल ऑफ़ इंडिया (Attorney-General of India), सोराबजी (Soli Sorabjee daughter) की बेटी, ज़िया बताती हैं कि बड़े होने के दौरान, उनकी खाने की मेज पर चर्चा का एकमात्र टॉपिक कानून होता था. तभी से वे ये समझ चुकी थीं कि उन्हें कानून की पढ़ाई करनी है और इस पेशे में अपनी पहचान बनानी है. उनके पिता उनकी प्रेरणा और गुरु रहे.
शुरूआती दौर में उन्होंने बताया, "ज़रुरत न होने के बावजूद भी उन्हें चश्मा पहनना पड़ा" ताकि लॉ फ्रटर्निटी में अपनी जगह बनाने और टॉप पोज़िशन पर पहुंचने के लिए, महिला के रूप में उन्हें गंभीरता से लिया जाए. उन्होंने आगे कहा, "आज, हमारी लॉ फर्म में सबसे ज़्यादा संख्या में महिला पार्टनर हैं... जो एक महिला वकील से अलग है... क्योंकि एक महिला पार्टनर बनने के लिए... उन्हें शादी, ससुराल, पति, और बच्चे के साथ, पूरे चक्र के दौरान वकील के रूप में खुद की पहचान बनाए रखना होता है... यह आसान नहीं है... बहुत कम महिलाओं को घर और प्रोफेशन मैनेज करने का अवसर दिया जाता है."
प्राउड मदर ज़िया मोदी को दो बार फोर्ब्स की सूची में किया शामिल
तीन बच्चों की प्राउड मदर ज़िया मोदी को दो बार फोर्ब्स की सूची (featured on the Forbes' list twice) में भी शामिल किया गया है और आरएसजी इंडिया रिपोर्ट, 2017 के अनुसार सुरक्षा कानून, प्रोजेक्ट फाइनेंस (project finance), प्राइवेट इक्विटी (private equity), और एम एंड ए के लिए उनको रिकमेंड किया गया है. जिया मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा एलफिंस्टन कॉलेज, मुंबई से की और फिर वह कैंब्रिज के सेल्विन कॉलेज से कानून की पढ़ाई करने चली गईं. 5 साल तक उन्होंने बेकर एंड मैकेंजी में काम किया और 1984 में उन्होंने मुंबई में अपनी प्रैक्टिस शुरू की.
जिया रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries), टाटा ग्रुप (Tata Group), वेदानता ग्रुप (Vedanata Group), आदित्य बिड़ला ग्रुप (Aditya Birla Group) और जी.ई. (G.E) सहित कई बड़ी कंपनियों के साथ काम करने का अनुभव रखती है और वह बड़े प्राइवेट इक्विटी हाउसों (advises large private equity houses) को भी सलाह देती हैं जिनमें बेन कैपिटल (Bain Capital), केकेआर (KKR) और वारबर्ग पिंकस (Warburg Pincus) शामिल हैं. छोटे व्यवसायों और कम आय वाले परिवारों के लिए वित्तीय सेवाओं पर काम करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक समिति की सदस्य भी रही हैं.
मुकेश अंबानी ने कहा ज़िया वकील से कहीं अधिक है
उनके बारे में बोलते हुए, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक, मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani on corporate lawyer Zia Mody) ने फॉर्च्यून इंडिया को बताया, कि वह "सिर्फ एक वकील से कहीं अधिक हैं" और साझा किया कि उन्होंने कम से कम 20 सालों तक मोदी के साथ काम किया है. उन्होंने कहा कि जिया के पास "व्यावसायिक मुद्दे को सुलझाने के लिए वैश्विक, सामाजिक और सस्टेनेबल दृष्टिकोण से सोचने की क्षमता रखती है."
ज़िया मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ''एक महिला के रूप में सफलता हासिल करना आसान नहीं था और तीन बच्चों की मां होने के नाते मैं जानती हूं कि मल्टीटास्किंग कितनी चुनौतीपूर्ण हो सकती है. मुझे अपनी सारी प्रेरणा अपने जीवन की महिलाओं, मेरी सास, बहन और मेरी अपनी मां से मिली."
भारत ज़िया जैसी डेरिंग महिलाओं से भरा है जिन्होंने रूढ़िवादिता को तोड़ा और अपनी पहचान बनाई है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किसकी बेटी या पत्नी हैं, बड़ा सवाल जो हमें पूछना चाहिए वह यह है कि उन टैग के बिना हम कौन हैं?