MP के Tribal district khargone में एक पेट्रोल पंप कुछ लड़कियों के कारण चर्चा में है.सामान्य तौर पर पुरुषों का काम समझा जाने वाले काम को इन लड़कियों ने अपने हाथों में लिया.ये लड़कियां जिले के बमनाला गांव में स्थित पेट्रोल पंप पर काम कर रहीं.self help group के परिवारों से ये लड़कियां जुड़ीं हुईं है.
बेटियों ने चुनौती के बीच शुरू किया काम
खरगोन जिले के बमनाला में ख़ुशी स्वयं सहायता समूह की सदस्य दुर्गा अपनी बेटी को लेकर भी परेशान थी. समूह की बैठक में मिशन के अधिकारियों से बात की.बेटी काजल को पेट्रोल पंप में सहयोगी के तौर पर रोजगार से लगाया.
काजल बताती है-"शुरू में काम अलग था,तो आत्मविश्वास भी कमज़ोर था.मुझे काम की ट्रेनिंग दी.और अब मेरे साथ स्वयं सहायता समूह के परिवार की पायल भी पंप स्टेशन पर काम कर रही."
पेट्रोल पंप पर काम करती हुई युवती (Image: Ravivar Vichar)
SHG की सदस्य दुर्गा ओमप्रकाश कहती हैं-"मुझे ख़ुशी है कि छोटे से गांव में भी रोजगार के लिए बच्चियों को अवसर दिया जा रहा.पेट्रोल पंप स्टेशन के लिए हम तैयार नहीं थे.मिशन के अधिकारियों ने समझाया.अब पढाई के बाद बेटी काम पर जाने लगी."
समानता के अवसर के लिए महिलाएं हुईं तैयार
इस गांव में कई समूह 2022 में बने.समूह की महिलाओं की चिंता बच्चों की पढ़ाई के साथ उनके रोजगार को लेकर भी थी.भीकनगांव ब्लॉक की Ajeevika Mission की ABM Vandna Patidar बताती है-"यहां आजीविका मिशन के फायदे और योजनाओं का लाभ समझाया.समूह गठित करे के बाद सदस्य अपनी बेटियों को गांव के बाहर भेजने को तैयार नहीं थे.पेट्रोल पंप संचालक से बात की.उन्होंने सहयोग दिया.शुरुआत में तीन लड़कियों को रोजगार दिया.इस पहल से लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ा."
ऐसी पहल और समंवय से समानता के अवसर के लिए अब महिलाएं तैयार हो रहीं.हालांकि बड़े शहरों में यह काम और लड़कियों को रोजगार सामान्य है। इंदौर शहर में एक पेट्रोल पंप सिर्फ इसीलिए चर्चा में है जहां सिर्फ लड़कियां ही प्रमुख रूप से पेट्रोल पंप संभालती हैं.छोटे इलाकों में यह शुरुआत स्वयं सहायता समूह के लिए अच्छी मानी जा रही.