देवास जिले के छोटे से भीलखेड़ी गांव की क्षमा तिवारी की यह कहानी है.इस कहानी में बाल विवाह की परेशानियों के बाद हिम्मत जुटा कर आर्थिक मजबूत हुई महिला है.self help group से जुड़ने के बाद यह क्षमा तिवारी ने घर की आर्थिक दशा बदल दी.
SHG में लीडर बनी और कर रही लाखों का हिसाब
MP के देवास जिले के खातेगांव ब्लॉक अंतर्गत भीलखेड़ी की क्षमा तिवारी अब एक सहकारी दुकान (PDS) की संचालक है.और अब लीडर बन कर लाखों का हिसाब कर रही.
दुर्गा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष क्षमा तिवारी बताती है-"मेरी शादी 13 साल में और 14 साल में बहुत कमजरो बच्चे को जन्म दिया.आर्थिक दिक्क्त और शरीर भी कमज़ोर था. 2017 में SHG की सदस्य बनी.शुरुआत में 1 हज़ार का लोन RF से मिला.राशन वितरण की दुकान मिली.स्थिति अच्छी होने लगी.साथ में 10 वीं के बाद मैंने लगातार पढ़ाई जारी रखी. MSW कर रही."
किराना दुकान संचालित करते हुए क्षमा (Image: Ravivar Vichar)
क्षमा ने CRP का पद भी संभाला और अब तक 50 समूह बना कर 500 महिलाओं को जोड़ा.कई योजनाओं को लागु करवाया.
कुपोषण, बाल विवाह के खिलाफ महिलाओं को कर रही जागरूक
बाल विवाह से होने वाली परेशानियों को झेलने वाली क्षमा आगे बताती है-"मेरे बच्चे का हीमोग्लोबिन मात्र डेढ़ ग्राम था.बहुत मुश्किल से बचाया.मैं कुपोषण, बालविवाह और आत्मनिर्भर बनने के लिए महिलाओं को जागरूक करती हूं.पति मनोज ने भी ड्राइवर का जॉब छोड़ खुद का वाहन खरीद लिया.CCL के लोन की किश्तें भी समय पर जमा की.मैं 30 हज़ार रुपए महीना कमा लेती हूं."
क्षमा तिवारी ने इसके अलावा अपने ही गांव में किराने की दुकान भी खोल ली.
PDS की दुकान का संचालन करते हुए समूह अध्यक्ष (Image: Ravivar Vichar)
Dewas के Ajeevika Mission की District Project Manager (DPM) Sheela Shukla ने बताया-"खातेगांव ब्लॉक में SHG की सदस्य महिलाओं ने खेती के अलावा कई तरह के रोजगार से जुड़े काम शुरू किए.क्षमा तिवारी ने योजनाओं का लाभ लिया. मिशन में सक्रिय है."
जिले प्रशासन और जिला पंचायत के अधिकारी भी समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित कर रहे.