बाल विवाह के दंश को झेला फिर बिज़नेस से बनाया जीवन सफल

केवल 13 साल की उम्र में शादी, ससुराल में दो बच्चों के जन्म के बाद 15 साल आर्थिक परेशानी का सामना करने वाली एक महिला ने सफलता की ऐसी कहानी लिखी जिसकी गांव में मिसाल बन गई.यह कहानी जरूर  पढ़ना चाहिए.  

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बाल विवाह के दंश को झेला फिर बिज़नेस से बनाया जीवन सफल

CRP क्षमा समूह सदस्यों की बैठक लेते हुए (Image: Ravivar Vichar)

देवास जिले  के छोटे से भीलखेड़ी गांव की क्षमा तिवारी की यह कहानी है.इस कहानी में बाल विवाह की परेशानियों के बाद हिम्मत जुटा कर आर्थिक मजबूत हुई महिला है.self help group से जुड़ने के बाद यह क्षमा तिवारी ने घर की आर्थिक दशा बदल दी.

SHG में लीडर बनी और कर रही लाखों का हिसाब 

MP के देवास जिले के खातेगांव ब्लॉक अंतर्गत भीलखेड़ी की क्षमा तिवारी अब एक सहकारी दुकान (PDS) की संचालक है.और अब लीडर बन कर लाखों का हिसाब कर रही. 



दुर्गा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष क्षमा तिवारी बताती है-"मेरी शादी 13 साल में और 14 साल में बहुत कमजरो बच्चे को जन्म दिया.आर्थिक दिक्क्त और शरीर भी कमज़ोर था. 2017 में SHG की सदस्य बनी.शुरुआत में 1 हज़ार का लोन RF से मिला.राशन वितरण की दुकान मिली.स्थिति अच्छी होने लगी.साथ में 10 वीं के बाद  मैंने लगातार पढ़ाई जारी रखी. MSW कर रही."

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किराना दुकान संचालित करते हुए क्षमा (Image: Ravivar Vichar)

क्षमा ने CRP का पद भी संभाला और अब तक 50 समूह बना कर 500 महिलाओं को जोड़ा.कई योजनाओं को लागु करवाया. 

कुपोषण, बाल विवाह के खिलाफ महिलाओं को कर रही जागरूक 

बाल विवाह से होने वाली परेशानियों को झेलने वाली क्षमा आगे बताती है-"मेरे बच्चे का हीमोग्लोबिन मात्र डेढ़ ग्राम था.बहुत मुश्किल से बचाया.मैं कुपोषण, बालविवाह और आत्मनिर्भर बनने के लिए महिलाओं को जागरूक करती हूं.पति मनोज ने भी ड्राइवर का जॉब छोड़ खुद का वाहन खरीद लिया.CCL के लोन की किश्तें भी समय  पर जमा की.मैं 30 हज़ार रुपए महीना कमा लेती हूं." 

क्षमा तिवारी ने इसके अलावा अपने ही गांव में किराने की दुकान भी खोल ली.

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PDS की दुकान का संचालन करते हुए समूह अध्यक्ष (Image: Ravivar Vichar)

Dewas के Ajeevika Mission की District Project Manager (DPM) Sheela Shukla  ने बताया-"खातेगांव ब्लॉक में  SHG की सदस्य महिलाओं ने खेती के अलावा कई तरह के रोजगार  से जुड़े काम शुरू किए.क्षमा तिवारी ने योजनाओं का लाभ लिया. मिशन में सक्रिय है."

जिले प्रशासन और जिला पंचायत के अधिकारी भी समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित कर रहे.             

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