Forest Product से आर्थिक संपन्न हुईं Tribal Women Community

जंगलों में भटक कर जिन जड़ी-बूटियों और वन संपदा को इकट्ठा कर औने-पौने दाम पर बेचतीं थीं.वही tribal women communities अब इस वन संपदा को सहेज कर आधुनिक बिज़नेस से आर्थिक संपन्न हो गईं. घने जगंलों में ही इन महिलाओं ने कमाई के नए सोर्स ढूंढ लिए.

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वन संपदा से आर्थिक संपन्न हुईं आदिवासी महिलाएं

जंगल में आंवला की ग्रेडिंग करती हुई समूह सदस्य (Image :Ravivar Vichar) 

MP के बैतूल जिले के भैंसदेही ब्लॉक के घने जंगलों में महिलाओं को एक जुटकर आर्थिक रूप से मजबूत कर दिया.self help group की मदद से इन महिलाओं के समुह बने. कई महिलाएं अब समूह का संचालन कर रहीं.वनोपज संग्रहण से कमाई कर रहीं.

SHG महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही वन संपदा  

बैतूल के भैंसदेही ब्लॉक के घने जंगलों में मिलने वाली वन संपदा अब इन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहीं.महिलाएं अलग-अलग समूह से जुड़ कर वनोपज इकठ्ठा कर बेच रहीं.

ये महिलाएं आंवला, मशरूम और कोदो-जगनी का बिसनेस कर रहीं. 

इस इलाके में खामला गांव अंतर्गत आंबेडकर CLF से कई समूह जुड़े.इलाके में खामला के अलावा कुकरू,जामुखेड़ा,भोंडियाकुंड, लोकलदरी,घोघाल आदि गांव में महिलाएं forest product एकत्रण का कम कर रहीं.

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              मशरूम उत्पादन कर खड़ी समूह की महिलाएं (Image :Ravivar Vichar)

Mushroom production से जुड़ीं आशा गांठे,प्रमिला धुर्वे और सरिता गांठे बताती है-"हमने बाकायदा इस खेती की ट्रेनिंग ली.हम मशरूम उगा  कर बेच रहे .अब हमारी कमाई अच्छी हो रही."

आंवला ग्रेडिंग से जुड़ी फुलमा देवी और शहद संग्रहण से जुड़ीं सविता आठोले कहती हैं-"पहले हम आंवला हो या शहद कम दाम में बेच देते थे.अब ग्रेडिंग के बाद आंवला कैंडी बनाने लगे.जिसका भाव अधिक मिला.हमारी कमाई बढ़ी."           

300 से ज्यादा महिलाओं को मिला रोजगार

इसी जंगल से आदिवासी और कमज़ोर महिलाओं को नया रोजगार मिल गया. 

Ajeevika Mission की cluster coordinator Asha Kushwaha ने बताया -"इस जंगल पर आश्रित 15 से अधिक गांव की महिलाओं को 20 -20 सदस्य के रूप में समूह से जोड़ा. 300 महिलाएं से अधिक समूह से जुड़ गईं.इन महिलाओं को ट्रेनिंग देकर forest product को अपग्रेड कर बेचना सिखाया."

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वन धन समिति की समूह सदस्य महिलाएं और मिशन के अधिकारी (Image :Ravivar Vichar) 

समूह की महिलाएं वन धन समिति के माध्यम से यह काम कर रहीं. आजीविका मिशन के साथ वन विभाग के अधिकारियों ने इस योजना को सफल बना दिया.

Ajeevika Mission के District Project Manager (DPM) Satish Pawar कहते हैं-"जिले भैंसदेही ब्लॉक में वनोपज संग्रह और इसकी मार्केटिंग में समूह की सदस्यों का सहयोग किया.कुटकी और जगनी प्रसंस्करण के लिए भी यूनिट लगवाई.इससे महिलाएं ज्यादा आत्मनिर्भर हुईं."

बैतूल कलेक्टर DM IAS Narendra Kumar Suryvanshi कहते हैं-"बैतूल जिले में forest area को बचाना पहली प्राथमिकता है.यह Tribal community women के लिए रोजगार का बड़ा साधन है.आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं को और अधिक प्रोत्साहित किया जा रहा."

 

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